NEET UG Supreme Court Hearing: नीट फिजिक्स प्रश्न के लिए विशेषज्ञ पैनल बनाने का आदेश, कल फिर होगी सुनवाई

सुनवाई के दौरान एनटीए ने माना कि 3300 से ज्यादा छात्रों को ग़लत पेपर दिया गया। उन्हें एसबीआई के पेपर की जगह कैनरा बैंक का पेपर दिया गया।

सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं से आज शाम तक आधे पेज में रीटेस्ट के पक्ष में तर्क का रिटन सबमिशन ई-मेल करने को कहा है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Santosh Kumar | July 22, 2024 | 05:03 PM IST

नई दिल्ली: नीट यूजी 2024 परीक्षा में कथित अनियमितताओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने आईआईटी दिल्ली के निदेशक को भौतिकी के एक सवाल का सही जवाब तय करने के लिए एक विशेषज्ञ पैनल बनाने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि हम आईआईटी दिल्ली के निदेशक से अनुरोध करते हैं कि वे 3 विशेषज्ञों की एक टीम बनाएं और इस विषय पर अपनी राय कल दोपहर 12 बजे तक रजिस्ट्रार को भेजें।

दरअसल, नीट यूजी 2024 परीक्षा में अभ्यर्थियों को एक प्रश्न के लिए एक सही विकल्प चुनना था, लेकिन परीक्षा में एक प्रश्न ऐसा था जिसके दो सही विकल्प थे। इसके लिए एनटीए को उत्तर कुंजी में 1 सही उत्तर देना चाहिए था, लेकिन उसने उत्तर कुंजी में 2 सही विकल्प दे दिए। इससे 44 छात्रों को बोनस अंक मिल गए। सीजेआई ने कहा, “दोनों जवाब सही नहीं हो सकते।”

NEET UG 2024: नीट रीटेस्ट के पक्ष में भेजें दलील

सीजेआई ने कहा, "अगर विकल्प 2 को गलत माना जाता है, तो 4.20 लाख छात्रों को 4 अंक का नुकसान होगा और उन्हें नकारात्मक अंक भी मिलेगा। इसके साथ ही 720 अंक पाने वाले 44 छात्रों के अंक घटकर 715 रह जाएंगे।" कोर्ट ने इस मुद्दे पर आईआईटी दिल्ली को विशेषज्ञों की एक टीम बनाने को कहा।

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने बताया कि निर्देशों के अनुसार, नवीनतम एनसीईआरटी संस्करण का पालन किया जाना चाहिए। इसलिए, यदि नवीनतम संस्करण के अनुसार विकल्प 4 सही है, तो विकल्प 2 का चयन करने वालों को पूरे अंक नहीं मिलने चाहिए।

इसके अलावा सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं से आज शाम तक नीट यूजी 2024 रीटेस्ट के पक्ष में आधे पेज का लिखित सबमिशन ईमेल करने को कहा है। सुनवाई के दौरान एनटीए ने माना कि 3300 से ज्यादा छात्रों को ग़लत पेपर दिया गया। उन्हें एसबीआई के पेपर की जगह कैनरा बैंक का पेपर दिया गया।

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NEET 2024 Controversy: आवेदन विंडो को पुनः खोलने पर आपत्ति

साथ ही एक वकील ने एनटीए के 9 अप्रैल को 24 घंटे की पंजीकरण विंडो खोलने के फैसले पर आपत्ति जताई, जिससे अतिरिक्त 24,000 छात्रों को नीट के लिए पंजीकरण करने का मौका मिला। उनका तर्क है कि जो छात्र मूल समय सीमा से चूक गए हैं, उन्हें अतिरिक्त मौका नहीं दिया जाना चाहिए।

महाराष्ट्र के याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली अधिवक्ता तन्वी दुबे ने पुनः परीक्षा का विरोध किया तथा इस बात पर बल दिया कि इससे उन छात्रों को भारी कठिनाई होगी, जिन्होंने लगभग 8 वर्षों तक कड़ी मेहनत की है।

इसके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता मुक्ता गुप्ता ने हाइपरहाइड्रोसिस से पीड़ित एक याचिकाकर्ता का मामला पेश किया, जिसे परीक्षा के दौरान रूमाल का उपयोग करने की अनुमति नहीं थी। अधिवक्ता के अनुसार, याचिकाकर्ता अपना रोल नंबर भी सही ढंग से नहीं लिख पाया।

इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, "परीक्षा प्रणाली में बहुत गंभीर समस्या है, सिर्फ नीट ही नहीं बल्कि सभी प्रमुख परीक्षाओं में। लाखों छात्रों की चिंता को देखते हुए उन्होंने दावा किया, "अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा प्रणाली खरीद सकते हैं।"

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