National Overseas Scholarship: नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप योजना के तहत शीर्ष 40 अभ्यर्थियों को मिलेगा पुरस्कार

Press Trust of India | July 7, 2025 | 06:22 PM IST | 1 min read

मंत्रालय द्वारा 1 जुलाई को जारी अधिसूचना के अनुसार, 66 उम्मीदवारों को "उपलब्ध निधियों के आधार पर" आगे के विचार के लिए रखा गया है।

इस वर्ष 19 मार्च से 27 अप्रैल के बीच एनओएस पोर्टल पर कुल 440 आवेदन प्राप्त हुए। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

नई दिल्ली: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने सत्र 2025-26 के लिए राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति (एनओएस) योजना के पहले दौर में 106 उम्मीदवारों का चयन किया है, जिसमें शीर्ष 40 को तुरंत प्रोविजनल पुरस्कार पत्र जारी किए जाएंगे।

मंत्रालय द्वारा 1 जुलाई को जारी अधिसूचना के अनुसार, शेष 66 उम्मीदवारों को "उपलब्ध निधियों के आधार पर" आगे के विचार के लिए रखा गया है। इस वर्ष 19 मार्च से 27 अप्रैल के बीच एनओएस पोर्टल पर कुल 440 आवेदन प्राप्त हुए।

64 उम्मीदवार पात्र होने के बावजूद चयनित नहीं

आवेदनों की जांच के बाद 106 अभ्यर्थियों का चयन किया गया, जबकि 64 अन्य पात्र होने के बावजूद चयनित नहीं हो सके। मंत्रालय ने कहा कि ये 64 आवेदक विश्वविद्यालयों की वैश्विक (क्यूएस) रैंकिंग, राज्यवार कोटा और श्रेणी-विशेष आरक्षण जैसे कारणों से चयन से वंचित रह गए।

मंत्रालय के अनुसार, कुल 270 आवेदनों को अयोग्यता, अधूरे दस्तावेज या अन्य कारणों से खारिज कर दिया गया। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि चयन अनंतिम है और यह जाति और आय प्रमाण पत्र, शैक्षिक योग्यता और मान्यता प्राप्त विदेशी संस्थानों से स्थायी प्रवेश पत्र जैसे मूल दस्तावेजों के सत्यापन पर निर्भर करेगा।

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राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति राशि प्राप्त करने से पहले, उम्मीदवारों को योजना के नियमों के अनुसार एक कानूनी बांड निष्पादित करना होगा और अन्य आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी।

एनओएस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जातियों, विमुक्त और घुमंतू जनजातियों, भूमिहीन मजदूरों और पारंपरिक कारीगरों जैसे वंचित वर्गों के छात्रों को विदेश में इंजीनियरिंग, विज्ञान, मानविकी और प्रबंधन में अध्ययन करने में मदद करना है।

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