मंत्री परमार ने कहा कि शुरुआत में यह यूनिफॉर्म सरकारी उत्कृष्ट कॉलेजों में शुरू की जाएगी और बाद में इसे राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों में लागू किया जाएगा।
Santosh Kumar | July 10, 2024 | 04:27 PM IST
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की सरकार जल्द ही राज्य के सरकारी कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने जा रही है। इस खबर की पुष्टि राज्य के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने की है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में शिक्षा मंत्री ने कहा कि ड्रेस कोड पहले राज्य के सरकारी कॉलेजों में लागू किया जाएगा और बाद में इसे निजी कॉलेजों में भी लागू किया जाएगा।
मंत्री परमार ने कहा कि शुरुआत में यह यूनिफॉर्म सरकारी उत्कृष्ट कॉलेजों में शुरू की जाएगी और बाद में इसे राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों में लागू किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने एएनआई को बताया, "जब हमारे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू की गई थी, तो मध्य प्रदेश इसे अपनाने वाले अग्रणी राज्यों में से एक था।
उन्होने कहा कि सीएम मोहन यादव के नेतृत्व में, हमने राज्य के सभी 55 जिलों में उत्कृष्ट महाविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 14 जुलाई को इंदौर से इन कॉलेजों का उद्घाटन करेंगे। इस बीच यूनिफॉर्म लागू करने के लिए विभाग में प्रक्रिया चल रही है। हमारा लक्ष्य आम सहमति बनाकर जल्द ही यूनिफॉर्म पेश करना है।
शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा, "शुरुआत में हम 55 एलीट कॉलेजों में यूनिफॉर्म लागू करेंगे, लेकिन बाद में धीरे-धीरे नीति का विस्तार करेंगे और बाकी कॉलेजों में भी आम सहमति बनाएंगे।" उन्होंने कहा कि वे समाज के किसी भी वर्ग की आपत्ति के बिना ड्रेस कोड लागू करने के लिए सभी कारकों पर विचार करेंगे।
हम ड्रेस कोड के महत्व को समझाएंगे और इसका उपयोग कॉलेजों की पहचान, एकरूपता और अनुशासन बनाए रखने के साथ-साथ बाहरी तत्वों को नियंत्रित करने के लिए करेंगे। मुझे विश्वास है कि सभी सहमत होंगे और हमें सकारात्मक परिणाम मिलेंगे," मंत्री ने कहा।
इस बीच, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि उन्हें यूनिफॉर्म लागू करने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर नीति हिजाब को लक्षित करती है या इसे लेकर राज्य की भाजपा सरकार की मंशा को दर्शाती है, तो वे इसका विरोध करेंगे।
मसूद ने कहा, "हमें ड्रेस कोड लागू करने पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन अगर यह हिजाब और राज्य सरकार की मंशा से जुड़ा है, तो यह गलत है और हम इसका विरोध करेंगे।" उन्होनें आगे कहा, "मेरी राय में, यह वैकल्पिक होना चाहिए। अगर कोई ड्रेस कोड के समान रंग का हिजाब पहनता है, तो उसे इसकी अनुमति दी जानी चाहिए। अगर राज्य सरकार ऐसा करती है, तो हम इसका समर्थन करेंगे।"