KIIT Students Death: नेपाल ने ओडिशा के केआईआईटी में एक और छात्र की मौत की जांच के लिए कूटनीतिक पहल शुरू की
बीटेक कंप्यूटर साइंस की छात्रा प्रिसा साह का शव केआईआईटी के छात्रावास के कमरे से बरामद किया गया। इसी संस्थान की एक अन्य नेपाली छात्रा प्रकृति लामसाल ने 16 फरवरी को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
Press Trust of India | May 2, 2025 | 09:46 PM IST
भुवनेश्वर: ओडिशा के कलिंगा औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्थान (KIIT) में नेपाली छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंतित नेपाल सरकार ने शुक्रवार को हिमालयी देश की 18 वर्षीय छात्रा की मौत की उच्च स्तरीय जांच सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक प्रयास शुरू किए। नेपाली मूल की छात्रा एक दिन पहले ही प्रौद्योगिकी संस्थान में फंदे पर लटकी हुई पाई गई थी।
पुलिस ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम बीटेक कंप्यूटर साइंस की छात्रा प्रिसा साह का शव केआईआईटी के छात्रावास के कमरे से बरामद किया गया। इसी संस्थान की एक अन्य नेपाली छात्रा प्रकृति लामसाल ने 16 फरवरी को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। और इसके करीब ढाई महीने बाद यह घटना हुई है।
अधिकारियों के अनुसार, केआईआईटी में लगभग एक हजार नेपाली छात्र हैं। नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत के ओडिशा में केआईआईटी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली नेपाली छात्रा प्रिसा साह अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाई गईं। इस घटना ने हमें बहुत दुखी कर दिया है। मैं प्रिसा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती हूं और इस दुखद घड़ी में उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘घटना के तुरंत बाद, विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार, ओडिशा सरकार और दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास के उच्च पदस्थ अधिकारियों के माध्यम से घटना की जांच के लिए कूटनीतिक पहल शुरू की है।’’ नई दिल्ली स्थित नेपाल दूतावास द्वारा प्रेस को जारी किए गए एक बयान में कहा गया है, ‘‘सूचना प्राप्त होने के बाद, नेपाल सरकार के निर्देश पर दूतावास ने केआईआईटी से संपर्क किया और उनसे घटना की उचित जांच सुनिश्चित करने समेत परिसर में नेपाली छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।’’
नेपाल ने केआईआईटी से गहन जांच का अनुरोध किया -
आधिकारिक बयान के अनुसार, नेपाल के राजदूत डॉ शंकर पी. शर्मा ने ओडिशा के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से घटना की गहन जांच सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। दूतावास ने कहा कि वह नेपाली छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मकसद से नेपाल के छात्रों, केआईआईटी प्राधिकारियों समेत केंद्र तथा ओडिशा सरकार के संपर्क में है।
बयान में कहा गया है, ‘‘दूतावास ने केआईआईटी के प्रतिनिधि को भी दूतावास में बुलाया और घटना के बारे में जानकारी मांगी।’’ बयान में कहा गया है कि देश का विदेश कार्यालय मृतक के परिवार के साथ लगातार संपर्क में है और उसकी मौत पर संवेदना व्यक्त करता है।
ओडिशा सरकार ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, जबकि केआईआईटी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम अपनी प्रिय छात्रा प्रिसा साह के असामयिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं। आज, केआईआईटी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी एकत्र हुए, जिन्होंने अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की और उसके परिवार, दोस्तों और छात्र समुदाय के साथ एकजुटता दिखाई। उसकी आत्मा को शांति मिले।’’
नहीं मिला कोई सुसाइड नोट -
पुलिस आयुक्त एस. देव दत्ता सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘नेपाल निवासी एक छात्रा का शव बरामद किया गया है और ऐसा प्रतीत होता है कि उसने केआईआईटी के छात्रावास में आत्महत्या की है।’’ छात्रावास का दौरा करने वाले पुलिस आयुक्त ने यह भी कहा कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘यह घटना उसी छात्रावास और उसी मंजिल में हुई है।’’ हालांकि, पुलिस को मृतका के पास से कोई ‘सुसाइड नोट’ बरामद नहीं हुआ है। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि जांच शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रारंभिक जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।’’ राज्य के राजस्व एवं आपदा मंत्री सुरेश पुजारी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। पुजारी ने कहा, ‘युवा आत्महत्या की ओर बढ़ रहे हैं, जो चिंता का विषय है। ओडिशा सरकार इस घटना की गंभीरता से समीक्षा कर रही है।’
इससे पहले फरवरी में नेपाली छात्रा प्रकृति लामसाल की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। उस समय ऐसी खबरें आई थीं कि पीड़िता को कथित तौर पर ‘ब्लैकमेल’ किया गया था और निजी विश्वविद्यालय के प्राधिकारियों से न्याय न मिलने के कारण उसने अपनी जान दे दी। नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने इस मुद्दे को कूटनीतिक स्तर पर उठाया था और केंद्र सरकार से संस्थान के नेपाली छात्रों के लिए न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया था।
ओडिशा सरकार ने मामले की जांच के लिए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी घटना की जांच की। नेपाली छात्रों पर हमला करने के आरोप में विश्वविद्यालय के 10 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया तथा एक भारतीय छात्र को लड़की को आत्महत्या के लिए "उकसाने" के आरोप में जेल भेजा गया।
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