JNU: जेएनयू में स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज के तहत खुलेंगे हिंदू, बौद्ध, जैन अध्ययन केंद्र, मिली मंजूरी

जेएनयू में तीन नए केंद्र स्थापित करने के निर्णय को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कार्यकारी परिषद ने 29 मई को एक बैठक में मंजूरी दी थी।

जेएनयू की कार्यकारी परिषद ने 29 मई को बैठक में दी थी मंजूरी। (आधिकारिक वेबसाइट)

Saurabh Pandey | July 12, 2024 | 11:33 AM IST

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की तरफ से बौद्ध और जैन अध्ययन केंद्रों के साथ-साथ हिंदू अध्ययन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, ये तीन नए केंद्र स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज का हिस्सा होंगे। इस निर्णय को 29 मई की एक बैठक के दौरान जेनयू की कार्यकारी परिषद ने मंजूरी दी थी।

इस पहल को सुविधाजनक बनाने के लिए, जेएनयू ने विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) और भारतीय ज्ञान प्रणाली (Indian Knowledge System) के कार्यान्वयन का पता लगाने और सिफारिश करने के लिए एक समिति का गठन किया।

जेएनयू की तरफ से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि कार्यकारी परिषद ने 29 मई को आयोजित अपनी बैठक में एनईपी-2020 और भारतीय ज्ञान प्रणाली का पता लगाने और विश्वविद्यालय में इसके आगे कार्यान्वयन और स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज के भीतर निम्नलिखित केंद्रों की स्थापना के लिए गठित समिति की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।

डीयू में पहले से ही हिंदू अध्ययन केंद्र स्थापित

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने पिछले साल हिंदू अध्ययन केंद्र की स्थापना की जो वर्तमान में मास्टर डिग्री प्रदान करता है। केंद्र स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने की भी योजना बना रहा है। डीयू में पहले से ही बौद्ध अध्ययन के लिए एक विभाग है और मार्च में, इसे 35 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर बौद्ध धर्म में उन्नत अध्ययन केंद्र स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई।

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