आईआईटी मद्रास ने वैश्विक स्वास्थ्य नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एलएसयू हेल्थ न्यू ऑरलियन्स के साथ साझेदारी की
Abhay Pratap Singh | August 28, 2025 | 12:02 PM IST | 2 mins read
यह सहयोग एलएसयू हेल्थ न्यू ऑरलियन्स की मजबूत शोध क्षमता को आईआईटी मद्रास की तकनीकी नवाचार क्षमता के साथ जोड़कर वैश्विक स्वास्थ्य प्रभाव को गति देगा।
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT Madras) ने शिक्षा, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी-आधारित उद्यमिता कार्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने के लिए एलएसयू हेल्थ न्यू ऑरलियन्स (LSUHSC-NO) अमेरिका के साथ साझेदारी की है। इसके अलावा, दोनों संस्थान अतिरिक्त बायोमेडिकल क्षेत्रों में विस्तार की योजना भी बना रहे हैं।
इस साझेदारी का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा की कमियों को दूर करने और वैश्विक परिणामों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए नई प्रौद्योगिकियों के विकास और कार्यान्वयन में तेजी लाना है। साथ ही, 2030 तक एलएसयूएचएससी-एनओ को देश के शीर्ष 50 शैक्षणिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थान दिलाना और अनुप्रयुक्त स्वास्थ्य अनुसंधान में आईआईटी मद्रास की वैश्विक भागीदारी को बढ़ाना है।
प्रेस रिलीज के अनुसार, “इस साझेदारी के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर डॉ डेमेट्रियस जे. पोर्चे, वाइस चांसलर (शैक्षणिक मामलों), लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी हेल्थ साइंसेज सेंटर, न्यू ऑरलियन्स; डॉ लूसियो मिएले, निदेशक, एलएसयू-एलसीएमसी कैंसर सेंटर, जेनेटिक्स विभाग, एलएसयू हेल्थ साइंसेज सेंटर, न्यू ऑरलियन्स; प्रो रघुनाथन रंगास्वामी, डीन (ग्लोबल एंगेजमेंट), आईआईटी मद्रास और प्रो हिमांशु सिन्हा, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, आईआईटी मद्रास ने हस्ताक्षर किए।”
एलएसयू हेल्थ न्यू ऑरलियन्स के चांसलर डॉ. स्टीव नेल्सन ने कहा, “यह सहयोग एलएसयू एलसीएमसी हेल्थ कैंसर सेंटर को एनसीआई (नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट) का दर्जा दिलाने की हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है। आईआईटी मद्रास के तकनीकी नवाचारों को हमारी क्लीनिकल विशेषज्ञता के साथ जोड़कर हम एक सशक्त तंत्र बना रहे हैं, जो खोजों को प्रयोगशाला से मरीजों तक पहुंचाने में मदद करेगा और लुइसियाना के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य परिणामों में सुधार लाएगा।”
आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफ्रेसर वी. कामकोटी ने कहा, “हमारे प्रौद्योगिकी-आधारित नवाचारों को एलएसयू हेल्थ न्यू ऑरलियन्स के शोध और क्लीनिकल उपस्थिति (लुइसियाना एवं गल्फ कोस्ट क्षेत्र) के साथ जोड़ना, विचारों को वैश्विक स्वास्थ्य समाधान में बदलने के लिए एक सशक्त मार्ग प्रशस्त करता है।”
आधिकारिक बयान के अनुसार, यह सहयोग एलएसयू हेल्थ न्यू ऑरलियन्स की मजबूत शोध क्षमताओं, जिनमें सात ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ और एनसीआई-डिजिग्नेशन प्रयास शामिल हैं, को आईआईटी मद्रास के तकनीकी नवाचार के साथ जोड़कर वैश्विक स्वास्थ्य प्रभाव को बढ़ावा देगा। संयुक्त टीमें जीनोमिक और स्वास्थ्य संबंधी अध्ययनों का नेतृत्व करेंगी तथा एआई-आधारित एप्लीकेशन, किफायती डायग्नॉस्टिक्स और स्मार्ट मेडिकल उपकरण जैसे स्केलेबल टूल विकसित करेंगी।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज
- Nobel Prize in Physics 2025: जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को मिला भौतिकी का नोबेल प्राइज
- CAT 2025: कैट परीक्षा 30 नवंबर को 3 पाली में; 2 महीने में कैसे करें तैयारी? जानें एग्जाम पैटर्न, चयन प्रक्रिया
- UP News: यूपी में वजीफा से वंचित 5 लाख से अधिक छात्रों को दिवाली से पहले मिलेगी छात्रवृत्ति, सीएम योगी ने कहा
- NIRF Ranking 2025: यूनिवर्सिटी श्रेणी में डीयू 5वें स्थान पर, टॉप 20 में दिल्ली विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज
- NIRF MBA Ranking 2025: आईआईएम अहमदाबाद शीर्ष पर बरकरार, आईआईएम लखनऊ की टॉप 5 में वापसी, देखें लिस्ट