ताइवान शिक्षा केंद्र की स्थापना के लिए आईआईटी गुवाहाटी का ताइपे केंद्र संग समझौता

Santosh Kumar | August 13, 2024 | 07:36 PM IST | 2 mins read

आईआईटी गुवाहाटी परिसर में ताइवान शिक्षा केंद्र स्थापित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएगा, जहां कक्षाएं, सेमिनार और द्विपक्षीय आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इस सहयोग का मकसद भारतीय छात्रों को योग्य शिक्षकों के माध्यम से अच्छी गुणवत्ता की मंदारिन भाषा की शिक्षा देना है। (इमेज-आधिकारिक)

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी (आईआईटी गुवाहाटी) ने भारत और ताइवान के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंधों को मजबूत करने के लिए ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र (टीईसीसी) के साथ एक समझौता किया है। इस साझेदारी का उद्देश्य शिक्षा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से दोनों देशों के बीच संबंधों को और बेहतर बनाना है।

इस सहयोग के तहत, टीईसीसी आईआईटी गुवाहाटी को मंदारिन भाषा के विशेषज्ञ शिक्षकों की भर्ती में मदद करेगा, जो पाठ्यक्रम डिजाइन और विदेशी भाषा पाठ्यक्रमों के मूल्यांकन में विशेषज्ञता रखते हैं।

ये शिक्षक आवश्यक सेमेस्टर के दौरान मंदारिन भाषा के पाठ्यक्रम संचालित करेंगे, जिससे छात्रों के भाषाई कौशल और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा मिलेगा। यह विशेष रूप से उन छात्रों के लिए फायदेमंद होगा जो ताइवान के सेमीकंडक्टर और एग्रीटेक उद्योगों में इंटर्नशिप और करियर बनाने में रुचि रखते हैं।

आईआईटी गुवाहाटी परिसर में ताइवान शिक्षा केंद्र स्थापित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा, जहां कक्षाएं, सेमिनार और द्विपक्षीय आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तारीख से 3 साल के लिए प्रभावी होगा, जिसमें संशोधन और विस्तार के प्रावधान हैं।

Also read NIRF Ranking 2024: एनआईआरएफ रैंकिंग में आईआईटी मद्रास को पहला स्थान, देखें टॉप 10 इंजीनियरिंग कॉलेजों की लिस्ट

आईआईटी-गुवाहाटी ने कहा, "इस सहयोग का मकसद भारतीय छात्रों को योग्य शिक्षकों के माध्यम से अच्छी गुणवत्ता की मंदारिन भाषा की शिक्षा देना है। आईआईटी गुवाहाटी का उद्देश्य है कि इसके जरिए छात्रों को ऐसे महत्वपूर्ण भाषाई और सांस्कृतिक कौशल मिलें, जो आज की वैश्विक दुनिया में बहुत महत्वपूर्ण हैं।"

एमओयू साइनिंग कार्यक्रम में बोलते हुए, टीईसीसी के शिक्षा प्रभाग के निदेशक पीटर्स चेन ने कहा, "हमें खुशी है कि हम मिलकर छात्रों को मंदारिन भाषा सीखने, ताइवानी संस्कृति समझने और भारत और ताइवान के विश्वविद्यालयों के बीच अधिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के अवसर प्रदान करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि हम जल्द ही कैंपस में एक ताइवानी शिक्षक की भर्ती करेंगे। यदि छात्र परीक्षा देना चाहते हैं और प्रमाण पत्र प्राप्त करना चाहते हैं तो शिक्षक कैंपस में चीनी भाषा की परीक्षा (टीओसीएफएल) भी आयोजित करेंगे। इसके अलावा, छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ ताइवान में अपने रुचि के क्षेत्रों में आगे की पढ़ाई करने के बेहतर अवसर मिलेंगे।"

[

विशेष समाचार

]
[

नवीनतम शिक्षा समाचार

]