IIT Delhi Curriculum: आईआईटी दिल्ली ने छात्रों का बोझ कम करने के लिए 12 साल बाद पाठ्यक्रम में किया बदलाव

निदेशक ने कहा कि अब प्रत्येक सेमेस्टर में कोर क्रेडिट की संख्या सीमित कर दी गई है, खासकर पहले दो सेमेस्टर में जब छात्र आईआईटी में नए होते हैं।

संस्थान के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने कहा कि आईआईटी दिल्ली के करिकुलम में सुधार 2022 से चल रही प्रक्रिया का परिणाम है। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)
संस्थान के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने कहा कि आईआईटी दिल्ली के करिकुलम में सुधार 2022 से चल रही प्रक्रिया का परिणाम है। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

Santosh Kumar | May 27, 2025 | 04:55 PM IST

नई दिल्ली: आईआईटी दिल्ली ने छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने और उद्योग जगत की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 12 साल बाद अपने पाठ्यक्रम में बड़े बदलाव किए हैं। संस्थान के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने बताया कि पाठ्यक्रम में आखिरी बार 2013 में बदलाव किया गया, लेकिन अब एआई और स्थिरता जैसे नए क्षेत्रों को देखते हुए लचीलापन और नए विषय जोड़े गए हैं।

संस्थान के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने कहा कि यह सुधार 2022 से चल रही प्रक्रिया का परिणाम है, जिसमें पाठ्यक्रम को अधिक उपयोगी और रोचक बनाने के लिए पूर्व छात्रों, विद्यार्थियों और उद्योग जगत के लोगों से सुझाव लिए गए।

कोर क्रेडिट की संख्या सीमित कर दी गई

बनर्जी ने कहा कि अब प्रत्येक सेमेस्टर में आवश्यक कोर क्रेडिट की संख्या सीमित कर दी गई है, खासकर पहले दो सेमेस्टर में जब छात्र आईआईटी में नए होते हैं, तो उनका बोझ पहले की तुलना में अपेक्षाकृत कम बोझ होगा।

हमने यह भी देखने की कोशिश की है कि पहले वर्ष में कक्षाओं का आकार छोटा हो। उन्होंने कहा कि पहले दो सेमेस्टर के लिए कक्षा का आकार अब 300 के बजाय 150 होगा, ताकि अधिक व्यक्तिगत ध्यान सुनिश्चित किया जा सके।

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5 साल में यूजी-पीजी दोनों डिग्री

बीटेक डिग्री के अतिरिक्त एक ऑनर्स प्रोग्राम शुरू किया गया है। इसके अतिरिक्त, कोई स्नातक छात्र अब अपने तीसरे वर्ष के अंत में आईआईटी दिल्ली में किसी भी उपलब्ध एमटेक कार्यक्रम में एमटेक डिग्री के लिए आवेदन कर सकता है।

छात्रों की प्रतिक्रिया का सम्मान करते हुए, संस्थान ने निर्णय लिया है कि जेईई (एडवांस्ड) के माध्यम से संस्थान में शामिल होने वाले उम्मीदवार पहले वर्ष के अंत में अपनी योग्यता के आधार पर अपने कार्यक्रम में बदलाव जारी रख सकेंगे।

इससे छात्र पांच साल में स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों डिग्री प्राप्त कर सकेगा। पाठ्यक्रम में किए गए महत्वपूर्ण परिवर्तनों में से एक प्रोग्रामिंग शिक्षा में है, जिसमें प्रोग्रामिंग पर प्रारंभिक पाठ्यक्रम में एआई-आधारित कोड जनरेटर को एकीकृत किया गया है।

8 संस्थानों के पाठ्यक्रम का अध्ययन

सभी बीटेक संकाय छात्रों को भविष्य के लिए जिम्मेदारी और नैतिक रूप से एआई का उपयोग करने के तरीके पर अनिवार्य प्रशिक्षण से गुजरना होगा। 15 सदस्यीय पाठ्यक्रम सुधार समिति ने 8 संस्थानों के पाठ्यक्रम का गहन अध्ययन किया।

इनमें स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय; हार्वे मड कॉलेज, कैलिफोर्निया; रोज-हुलमैन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इंडियाना; इसके अलावा आईआईटी बंबई, गांधीनगर और हैदराबाद शामिल है।

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