सैमसंग इनोवेशन कैंपस ने गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी के 400 छात्रों को फ्यूचर-टेक स्किल में सर्टिफिकेट वितरित किया
कार्यक्रम के समापन पर प्रत्येक डोमेन के टॉपर्स को सैमसंग उत्पादों के साथ 1,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
Abhay Pratap Singh | October 18, 2024 | 03:25 PM IST
नई दिल्ली: सैमसंग इंडिया के प्रमुख सीएसआर कार्यक्रम (CSR Programme) ‘सैमसंग इनोवेशन कैंपस’ ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के 400 छात्रों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पाठ्यक्रम का समापन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के युवाओं को कुशल बनाने और सरकार के साथ काम करके डिजिटल इंडिया को सशक्त बनाना है।
सैमसंग इनोवेशन कैंपस के प्रमाण पत्र वितरण समारोह में गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी (GBU) के कुलपति प्रोफेसर आरके सिन्हा मौजूद रहे। इसके अलावा सैमसंग और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर स्किल्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ESSCI) के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
वर्ष के पूरे कार्यक्रम के समापन पर प्रत्येक डोमेन के टॉपर्स को 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा और उन्हें दिल्ली/एनसीआर में सैमसंग की सुविधाओं का दौरा करने का मौका मिलेगा। इन यात्राओं के दौरान उन्हें सैमसंग की नेतृत्व टीम के साथ जुड़ने का अवसर मिलेगा। साथ ही, राष्ट्रीय स्तर पर टॉप करने वाले विद्यार्थियों को सैमसंग के आकर्षक प्रोडक्ट भी मिलेंगे।
सैमसंग साउथ वेस्ट एशिया के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट एसपी चुन ने कहा, “देश के युवाओं को एआई, आईओटी, बिग डेटा और कोडिंग जैसे फ्यूचर-टेक स्किल सिखाना सैमसंग की एक बड़ी योजना का हिस्सा है। जिसका उद्देश्य देश के विकास में योगदान देना और डिजिटल इंडिया पहल को आगे बढ़ाना है।”
सैमसंग इनोवेशन कैंपस चार प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों एआई, आईओटी, बिग डेटा और कोडिंग एंड प्रोग्रामिंग में प्रशिक्षण प्रदान करता है। छात्रों को कैपस्टोन परियोजनाओं और सॉफ्ट स्किल्स प्रशिक्षण के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होता है जिसका उद्देश्य रोजगार क्षमता को बढ़ाना है। सैमसंग इस कार्यक्रम के तहत पूरे भारत में 3,500 छात्रों को प्रशिक्षित करेगा।
एआई पाठ्यक्रम में भाग लेने वालों को 270 घंटे का सिद्धांत प्रशिक्षण मिलता है और उसके बाद 80 घंटे का प्रोजेक्ट कार्य होता है, जबकि IoT और बिग डेटा पाठ्यक्रमों में नामांकित लोगों को 160 घंटे का सिद्धांत प्रशिक्षण मिलता है और 80 घंटे का प्रोजेक्ट कार्य पूरा होता है। कोडिंग और प्रोग्रामिंग पाठ्यक्रम में भाग लेने वाले 80 घंटे का प्रशिक्षण पूरा करते हैं और हैकथॉन में भाग लेते हैं।
इस कार्यक्रम में चार राज्यों के आठ शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं। उत्तरी क्षेत्र में लखनऊ और गोरखपुर में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं, इसके अलावा दिल्ली एनसीआर में दो केंद्र हैं। दक्षिणी क्षेत्र में, जिसमें तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं, चेन्नई और श्रीपेरंबदूर में प्रशिक्षण केंद्र स्थित हैं। इसके अलावा बेंगलुरु में भी दो प्रशिक्षण केंद्र हैं।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- JEE Advanced 2025: आईआईटी रोपड़ के लिए जेईई एडवांस्ड में कितने मार्क्स चाहिए? ब्रान्चवाइज रैंक स्कोर जानें
- JEE Advanced 2025: आईआईटी जोधपुर के लिए जेईई एडवांस में कितने अंक चाहिए? रैंक, कटऑफ और पात्रता जानें
- JEE Main 2025: एनआईटी रायपुर के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें
- JEE Main 2025: एनआईटी गोवा के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें
- JEE Main 2025: एनआईटी सूरत के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें
- JEE Main 2025: एनआईटी उत्तराखंड के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए; रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें
- Top Medical Colleges in India: भारत के टॉप मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? रैंक, एलिजिबिलिटी, कोर्स और फीस जानें
- NEET Cutoff 2025: टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के लिए क्या होगा कट-ऑफ, जानें पिछले 3 वर्षों का डेटा
- Top Government Engineering Colleges in India: भारत के टॉप सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज कौन से हैं? NIRF रैंक जानें
- JEE Main 2025: एमएएनआईटी भोपाल के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? जानें कटऑफ, पर्सेंटाइल स्कोर, फीस