Press Trust of India | June 6, 2025 | 06:34 PM IST | 2 mins read
किसी भी संस्थान के कोर्स में प्रवेश के लिए सीईटी परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने और गड़बड़ी को रोकने के लिए, राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है।
मुंबई: महाराष्ट्र के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने आज (6 जून) कहा कि अगले शैक्षणिक वर्ष से महाराष्ट्र में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) कदाचार रोकने के लिए केवल राज्य के परीक्षा केंद्रों पर ही आयोजित की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि अब राज्य के बाहर के छात्रों को भी सीईटी परीक्षा देने के लिए महाराष्ट्र आना होगा। यह फैसला महाराष्ट्र के बाहर के कुछ केंद्रों पर अनियमितताओं की शिकायतों के बाद लिया गया है, ताकि परीक्षा निष्पक्ष हो सके।
किसी भी संस्थान के पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए सीईटी परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने और गड़बड़ी को रोकने के लिए, राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अगले वर्ष से परीक्षा केंद्र केवल महाराष्ट्र राज्य के भीतर ही रखे जाएंगे।
मंत्री हाल में हुई घटना का जिक्र किया जिसमें बिहार के पटना स्थित एक ही परीक्षा केंद्र से 4 छात्रों ने सीईटी की 5 वर्षीय एलएलबी परीक्षा में 100 पर्सेंटाइल हासिल किए। अब इस मामले की जांच राज्य की सीआईडी कर रही है।
चंद्रकांत पाटिल ने कहा, "ऐसी घटनाएं परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल उठाती हैं लेकिन अगर सीईटी परीक्षा केवल महाराष्ट्र में आयोजित की जाती है, तो निगरानी बेहतर होगी और धोखाधड़ी या कदाचार की संभावना कम हो जाएगी।"
मुंबई की अपराध शाखा ने पहले एक प्रवेश गिरोह के खिलाफ कार्रवाई की, जिसमें कथित तौर पर छात्रों से सीईटी में उनके अंक बढ़ाने का वादा करके पैसे ऐंठे गए थे। इस सिलसिले में दिल्ली से 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
महाराष्ट्र में संचालित पेशेवर पाठ्यक्रमों के लिए हर साल 10 लाख से अधिक अभ्यार्थी सीईटी में किस्मत आजमाते हैं, जिनमें से 25,000 से अधिक महाराष्ट्र के बाहर के केंद्रों का चयन करते हैं। 5 वर्षीय एलएलबी परीक्षा 28 अप्रैल को हुई थी।