MOE Survey: शिक्षा मंत्रालय के सर्वे में खुलासा, कक्षा 6 के केवल 53 फीसदी छात्र जानते हैं 10 तक का पहाड़ा

ग्रामीण-शहरी विभाजन भी काफी हद तक देखा गया। ग्रामीण क्षेत्रों में कक्षा 3 के छात्रों ने गणित और भाषा दोनों में बेहतर प्रदर्शन किया।

इस सर्वे में देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के 781 जिलों के 74,229 स्कूलों को शामिल किया गया। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

Santosh Kumar | July 8, 2025 | 07:54 PM IST

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कक्षा 3 के केवल 55% बच्चे ही 99 तक की संख्याओं को आरोही या अवरोही क्रम में सही ढंग से व्यवस्थित कर पाते हैं। जबकि, कक्षा 6 के केवल 53% छात्र ही 10 तक का पहाड़ा जानते हैं। समग्र विकास के लिए ज्ञान का प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और विश्लेषण (परख) राष्ट्रीय सर्वेक्षण, जिसे पहले राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) के रूप में जाना जाता था, पिछले साल 4 दिसंबर को आयोजित किया गया।

सर्वे में देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के 781 जिलों के 74,229 स्कूलों को शामिल किया गया। इसमें कक्षा 3, 6 और 9 के सरकारी-निजी स्कूलों के कुल 21,15,022 छात्र शामिल थे। सर्वे में 1,15,022 छात्रों का पढ़ाई का मूल्यांकन किया गया।

इसके अलावा 2,70,424 शिक्षकों और स्कूलों के प्रमुखों ने सर्वेक्षण के सवालों के जवाब दिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि कक्षा 3 के केवल 55% बच्चे 99 तक की संख्याओं को आरोही या अवरोही क्रम में सही ढंग से व्यवस्थित कर सकते हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर गणित में सबसे कम अंक

58% बच्चे दो अंकों की संख्याओं को सही ढंग से जोड़ और घटा सकते हैं। कक्षा 6 के केवल 53% छात्र गणित की मूल बातें समझते हैं, जैसे कि 10 तक का जोड़ और गुणन सारणी जानना और रोजमर्रा की समस्याओं को हल करने के लिए चार बुनियादी गणितीय संक्रियाओं (जोड़, घटाव, गुणा, भाग) को सही ढंग से लागू करना।

कक्षा 6 में भाषा और गणित के साथ-साथ एक अतिरिक्त विषय ‘हमारे आस-पास की दुनिया’ शुरू किया गया था, जिसमें पर्यावरण और समाज शामिल है। छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर गणित में सबसे कम अंक (46 प्रतिशत) प्राप्त किए।

जबकि भाषा में औसतन 57 प्रतिशत और हमारे आस-पास की दुनिया में 49 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। कक्षा नौ में केंद्र सरकार के स्कूलों के छात्रों ने सभी विषयों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, भाषा में स्पष्ट बढ़त हासिल की।

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विज्ञान-सामाजिक विज्ञान में अच्छा प्रदर्शन

निजी स्कूलों ने विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन गणित में उनका प्रदर्शन खराब रहा। राज्य सरकार और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों ने भी इसी तरह के नतीजे दर्ज किए।

ग्रामीण-शहरी विभाजन भी काफी हद तक देखा गया। ग्रामीण क्षेत्रों में कक्षा 3 के छात्रों ने गणित और भाषा दोनों में बेहतर प्रदर्शन किया। जबकि शहरी क्षेत्रों में कक्षा 6 और 9 के बच्चों ने सभी विषयों में अपने ग्रामीण समकक्षों से बेहतर प्रदर्शन किया।

स्कूली शिक्षा सचिव संजय कुमार ने बताया कि अब अगला कदम ठोस कार्रवाई का है। इसके लिए परख सर्वेक्षण 2024 के नतीजों के आधार पर एक मजबूत और बहुस्तरीय योजना तैयार की जा रही है।

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