दिल्ली विश्वविद्यालय ने पर्यावरण संरक्षण के तहत हंसराज महाविद्यालय में ‘हरित परिसर, स्वच्छ परिसर’ पहल शुरू की

विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि यह पहल केवल एक कार्यक्रम न होकर एक निरंतर आंदोलन है, जो आने वाले वर्षों में दिल्ली विश्वविद्यालय के सबसे हरित और स्वच्छ परिसरों में स्थापित करेगा।

‘हरित परिसर, स्वच्छ परिसर’ कार्यक्रम के दौरान में एनसीसी एवं एनएसएस के बच्चों द्वारा रैली निकाली गई। (स्त्रोत- प्रेस रिलीज)

Abhay Pratap Singh | August 26, 2025 | 06:30 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (University of Delhi) के कुलपति प्रो योगेश सिंह के नेतृत्व में हंसराज महाविद्यालय में डीयू ने पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘हरित परिसर, स्वच्छ परिसर’ पहल की शुरुआत की। इस पहल का उद्घाटन कॉलेज प्राचार्य प्रोफेसर रमा और अन्य के द्वारा किया गया।

'हरित परिसर, स्वच्छ परिसर' पहल का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय परिसर को स्वच्छ, हरित एवं प्रदूषण-मुक्त बनाना है। इसके अंतर्गत वृक्षारोपण, कचरा प्रबंधन, ऊर्जा संरक्षण और जल-संरक्षण जैसे कई आयामों पर कार्य किया जाएगा।

विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि यह पहल केवल एक कार्यक्रम न होकर एक निरंतर आंदोलन है, जो आने वाले वर्षों में दिल्ली विश्वविद्यालय के सबसे हरित और स्वच्छ परिसरों में स्थापित करेगा।

कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य प्रो. रमा ने कहा कि “शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्ति नहीं, बल्कि पर्यावरण और समाज के प्रति उत्तरदायित्व निभाना भी है। ‘हरित परिसर, स्वच्छ परिसर’ इसी दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल है।”

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डीयू द्वारा आयोजित ‘हरित परिसर, स्वच्छ परिसर’ पहल कार्यक्रम के दौरान में एनसीसी एवं एनएसएस के बच्चों द्वारा संयुक्त रूप से स्वच्छता को बढ़ावा देने हेतु महाविद्यालय परिसर में रैली निकाली गई।

हंसराज महाविद्यालय में ‘हरित परिसर, स्वच्छ परिसर’ के उद्घाटन समारोह में प्राचार्य के साथ विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो मनोज कुमार सिंह, विश्वविद्यालय के एनसीसी संयोजक मेजर (प्रो) संजय कुमार एवं विश्वविद्यालय के एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी नरेन्द्र कुमार बिश्नोई उपस्थित रहे।

इस अवसर पर हंसराज महाविद्यालय के एनसीसी संयोजक प्रो. अरविन्द यादव एवं डॉ. ज्योति सिंह तथा एनएसएस संयोजक डॉक्टर अपूर्वा गुप्ता की विशेष उपस्थिति रही। इसके अलावा, इस कार्यक्रम में शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी रही।

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