Press Trust of India | December 31, 2025 | 09:23 AM IST | 2 mins read
इसका उद्देश्य एक ऐसा क्षेत्रीय और राष्ट्रीय संस्थान बनाना है, जहां घायलों को उनकी स्थिति स्थिर करने से लेकर पुनर्वास तक एक ही छत के नीचे व्यापक और विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।

सांबा: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जम्मू ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एक 'ट्रॉमेटोलॉजी संस्थान' और स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में एक ‘कृत्रिम मेधा (एआई) केंद्र' स्थापित करने का प्रस्ताव सौंपा है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि ये केंद्र इजराइल और ब्रिटेन के प्रमुख संस्थानों के सहयोग से बनाए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि एम्स नये साल में नये संकल्प के साथ आगे बढ़ेगा और ओपन हार्ट सर्जरी सहित कई नयी सुविधाएं शुरू करेगा।
एम्स-जम्मू के कार्यकारी निदेशक प्रो. शक्ति कुमार गुप्ता ने कहा कि ट्रॉमा विज्ञान में 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' और 'इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉमेटोलॉजी' स्थापित करने का प्रस्ताव मंत्रालय को भेज दिया गया है। ऐसा संस्थान भारत में मौजूद नहीं है।”
उन्होंने बताया कि इसे इजराइल के संस्थान के सहयोग से विकसित किया जाएगा। यह केंद्र-शासित प्रदेश विभिन्न आपदाओं के प्रति संवेदनशील है, जहां सड़क दुर्घटनाओं, आग और आतंकी घटनाओं के अलावा भूकंप, बाढ़, भूस्खलन तथा हिमस्खलन का भारी जोखिम बना रहता है।
गुप्ता ने कहा, “ट्रॉमा के मामलों, विशेषकर सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते बोझ को देखते हुए इस पहल को प्राथमिकता दी गई है। इसका उद्देश्य एक ऐसा क्षेत्रीय और राष्ट्रीय संस्थान बनाना है, जहां घायलों को उनकी स्थिति स्थिर करने से लेकर पुनर्वास तक एक ही छत के नीचे व्यापक और विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।”
उन्होंने बताया कि एम्स-जम्मू में वर्तमान में एक ट्रॉमा एवं आपातकालीन विभाग कार्य कर रहा है, जहां पहले ही बड़ी संख्या में मरीजों का उपचार किया जा चुका है। यही विभाग विकास के दूसरे चरण में एक पूर्ण संस्थान का आधार बनेगा।
अधिकारियों के अनुसार, एम्स-जम्मू ट्रॉमा प्रबंधन में प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता के लिए दुनिया के शीर्ष ट्रॉमा केंद्रों में से एक, इजराइल के 'शेबा मेडिकल सेंटर' के साथ सहयोग की संभावनाएं तलाश रहा है।
एम्स-जम्मू ने स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में एक 'कृत्रिम मेधा केंद्र' स्थापित करने की भी योजना बनाई है। गुप्ता ने कहा, “हमने स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में वैश्विक एआई केंद्र की स्थापना का भी प्रस्ताव दिया है।"
इसका मकसद एआई की मदद से बीमारियों की सटीक जांच करना, खतरों का पहले से ही अंदाजा लगाना और इलाज की सही पद्धति चुनने में चिकित्सकों की मदद करना है, ताकि मरीजों की बेहतर देखभाल सुनश्चित हो सके।
सहायक पुलिस आयुक्त (कल्याणपुर) आशुतोष कुमार ने बताया कि छात्र जय सिंह मीना (26) राजस्थान के अजमेर का रहने वाला था और बायोलॉजिकल साइंसेज और बायोइंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में पढ़ रहा था। उसका शव कमरे में पंखे से लगे फांसी के फंदे से लटकता पाया गया।
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