Digital Attendance: यूपी के सरकारी स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस पर 2 महीने की रोक, शिक्षकों ने जताया था विरोध

बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को योगी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि यूपी की शिक्षा व्यवस्था डिजिटल हाजिरी से नहीं बल्कि शिक्षकों की भर्ती से सुनिश्चित होगी।

डिजिटल अटेंडेंस प्रक्रिया 15 जुलाई से पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई थी। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Santosh Kumar | July 16, 2024 | 04:19 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस को दो महीने के लिए टाल दिया गया है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मीडिया के जरिए यह जानकारी दी। मनोज कुमार सिंह ने भरोसा दिलाया है कि कमेटी बनाकर समस्या का समाधान किया जाएगा। मुख्य सचिव का यह फैसला शिक्षकों द्वारा डिजिटल अटेंडेंस के विरोध के बाद आया है।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव होना चाहिए। फिलहाल दो महीने के लिए इस पर रोक लगी हुई है। गौरतलब है कि ऑनलाइन हाजिरी के सरकारी आदेश के खिलाफ राज्य भर के सरकारी शिक्षक लामबंद हो गए हैं। विरोध के बावजूद जब शिक्षकों को सरकार की ओर से कोई राहत नहीं मिली तो उन्होंने सामूहिक रूप से संकुल पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।

शिक्षक संघ के विरोध के बाद निर्णय

यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब प्रदेश सरकार ने शिक्षकों को 11 जुलाई से अनिवार्य रूप से डिजिटल हाजिरी दर्ज कराने का आदेश दिया था। सरकार के इस आदेश के खिलाफ कई शिक्षक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। यूपी के कई जिलों में शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया।

कई संगठनों से जुड़े शिक्षकों ने जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा था। शिक्षकों का आरोप है कि डिजिटल अटेंडेंस के लिए स्कूलों को जो टैब दिया जाता है उसकी क्वालिटी बहुत खराब है। कभी यह काम करता है तो कभी नहीं करता। कई बार सर्वर डाउन दिखाता है।

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'डिजिटल अटेंडेंस से नहीं, टीचर्स की भर्ती करें'

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने मंगलवार को योगी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि यूपी की शिक्षा व्यवस्था डिजिटल हाजिरी से नहीं बल्कि शिक्षकों की भर्ती से सुनिश्चित होगी। पूर्व सीएम ने 'एक्स' पर पोस्ट करके आरोप लगाया कि शिक्षकों के लिए डिजिटल उपस्थिति प्रणाली को भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने बिना किसी उचित तैयारी के जल्दबाजी में लागू किया है।

मायावती ने पोस्ट में कहा, "उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों में आवश्यक बुनियादी ढांचे की भारी कमी के कारण उनकी खराब स्थिति के बारे में शिकायतें आम हैं। इन गंभीर मुद्दों को ठीक से संबोधित करने के लिए उचित बजटीय प्रावधान करने के बजाय, सरकार इनसे ध्यान हटाने के लिए केवल सतही कार्रवाई कर रही है।

बता दें कि जून में जारी एक बयान में योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य भर के स्कूलों में सभी 12 प्रकार के रजिस्टरों को डिजिटल करने की योजना की घोषणा की थी, साथ ही शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए डिजिटल उपस्थिति प्रणाली लागू करने की भी घोषणा की थी।

बयान के अनुसार, छात्रों और शिक्षकों दोनों को टैबलेट पर फेस रिकग्निशन सिस्टम का उपयोग करके अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। यह प्रक्रिया 15 जुलाई से पूरे प्रदेश में लागू होनी थी लेकिन शिक्षकों के विरोध के बाद अब निर्णय को कुछ समय के लिए टाल दिया गया है।

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