अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी दिशानिर्देश के तहत ई-शिक्षा कोष एप के माध्यम से शिक्षकों व विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने का निर्देश दिया गया था।
Santosh Kumar | June 26, 2024 | 01:00 PM IST
नई दिल्ली: बिहार के सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति के लिए शिक्षा विभाग ने ई-शिक्षाकोश ऐप तैयार किया है, जो ट्रायल से पहले ही फेल हो गया है। जिला जमुई शिक्षा कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार ऑनलाइन उपस्थिति के लिए ट्रायल के पहले दिन जिले के 526 स्कूलों के मात्र 1228 शिक्षकों ने ही ई-शिक्षाकोश ऐप के माध्यम से अपनी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराई, जो कुल शिक्षकों का करीब 31 प्रतिशत है।
अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी दिशानिर्देश के तहत ई-शिक्षा कोष एप के माध्यम से शिक्षकों व विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। शिक्षा विभाग ने इसके क्रियान्वयन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां भी सक्रियता से की थी। इसके बावजूद जिले के विभिन्न प्रखंडों के विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने में कई तरह की समस्याओं की खबरें सामने आईं।
बता दें कि ऑनलाइन उपस्थिति के लिए सभी विद्यालयों के अक्षांश और देशांतर पहले से ही ई-शिक्षा कोष एप पर अपलोड किए गए हैं, जिसका मिलान शिक्षकों को अपनी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराते समय करना अनिवार्य है। जिसके कारण कई शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं हो सकी।
ऑनलाइन उपस्थिति के लिए ट्रायल के पहले दिन कई इलाकों में नेटवर्क नहीं होने के कारण ई-शिक्षा कोष एप ठीक से काम नहीं किया। जिसके कारण शिक्षकों को अपनी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई शिक्षकों ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या रहती है। जिसके कारण लॉग इन करने में दिक्कत आई।
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बता दें कि बिहार के सभी सरकारी स्कूलों के हेडमास्टर और शिक्षक 25 जून से अपनी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करेंगे। इसमें गलती या लापरवाही पर उनका वेतन भी कटेगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने ई-शिक्षाकोष ऐप तैयार किया है, जिसे शिक्षक गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर अपना यूजर आईडी और पासवर्ड बनाएंगे।
इस ऐप पर शिक्षकों को दिन में दो बार अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। पहली बार स्कूल आते समय और दूसरी बार जाते समय। ऐप पर उपस्थिति दर्ज करते ही सारी रिपोर्ट शिक्षा विभाग के पास पहुंच जाएगी। हालांकि अभी कुछ दिनों तक ऑनलाइन उपस्थिति के साथ ऑफलाइन उपस्थिति भी लगेगी ताकि अगर शुरुआत में किसी को ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने में दिक्कत आए तो उसकी उपस्थिति उपस्थिति रजिस्टर पर दर्ज की जा सके।
उपस्थिति दर्ज करने के लिए शिक्षकों को अपने स्कूल के 500 मीटर के दायरे में ही रहना होगा। सभी स्कूलों की मैपिंग कर दी गई है। शिक्षकों की उपस्थिति तभी दर्ज होगी जब वे स्कूल में होंगे। अगर वे स्कूल की सीमा से बाहर हैं तो वे अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाएंगे।