एनईपी 2020 के 5 वर्ष पूरे होने पर ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2025’ का आयोजन आज, धर्मेंद्र प्रधान होंगे शामिल
एनईपी 2020 की 5वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में नई पहलों की शुरूआत के साथ ही कई परिसरों का उद्घाटन और शिलान्यास किया जाएगा।
Abhay Pratap Singh | July 29, 2025 | 09:11 AM IST
नई दिल्ली: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) की 5वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में शिक्षा मंत्रालय द्वारा आज यानी 29 जुलाई, 2025 को भारत मंडपम परिसर में अखिल भारतीय शिक्षा समागम, 2025 (ABSS 2025) का आयोजन किया जाएगा। दिन भर चलने वाले एबीएसएस 2025 कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे।
पीआईबी के अनुसार, एनईपी 2020 के 5 वर्ष पूरे होने पर आयोजित होने वाला अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2025 कार्यक्रम शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं, शिक्षकों, उद्योग जगत के दिग्गजों और सरकारी प्रतिनिधियों के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।
एबीएसएस 2025 के दौरान होने वाले विचार-विमर्श में शिक्षा को अधिक सुलभ, व्यावहारिक, कौशल-उन्मुख और रोजगार के अवसरों के साथ समेकित रूप से एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्र एक सशक्त वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए तैयार हों।
चर्चा में विशेष रूप से माध्यमिक शिक्षा को 2030 तक शत-प्रतिशत जीईआर प्राप्त करने हेतु पुनर्परिभाषित करने, भारतीय भाषाओं, कक्षाओं में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने, भारतीय ज्ञान प्रणालियों (आईकेएस) को मुख्यधारा में लाने और सभी के लिए शिक्षा को सुलभ बनाने हेतु समावेशिता को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
पीआईबी ने बताया कि, 170 विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाए गए राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क के माध्यम से शैक्षणिक, कौशल-आधारित और अनुभवात्मक शिक्षा में निर्बाध ऋण वितरण को सक्षम बनाया गया है। एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट ने 2,469 संस्थानों को शामिल किया है और 32 करोड़ से ज्यादा पहचान पत्र जारी किए हैं, जिनमें से 2.36 करोड़ विशिष्ट अपार (एपीएएआर) पहचान पत्र पहले ही क्रेडिट के साथ सीडेड हैं।
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर एनईपी 2020 को लागू करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। इसके तहत 14.72 लाख स्कूल, 98 लाख से अधिक शिक्षक और यूडीआईएसई+ 2023-24 के अनुसार पूर्व-प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर तक लगभग 24.8 करोड़ छात्रों को विविध सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि में शिक्षा प्रदान की गई है।
Akhil Bharatiya Shiksha Samagam 2025: महत्वपूर्ण क्षेत्र
- टीचिंग लर्निंग में भारतीय भाषा का प्रयोग।
- प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलो (PMRF): भारत की अगली पीढ़ी के शैक्षणिक और औद्योगिक नेतृत्व को तैयार करना।
- 2030 तक शत-प्रतिशत जीईआर प्राप्त करने के लिए माध्यमिक शिक्षा की पुनर्कल्पना करना।
- शिक्षा के लिए एआई में सीओई-शिक्षण और सीखने के इको-सिस्टम में बदलाव।
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