Delhi Teachers Transfer: दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने दिया 5000 शिक्षकों का तबादला रद्द करने का आदेश

मंत्री ने कहा, "शिक्षकों के अनिवार्य स्थानांतरण के कार्यान्वयन के संबंध में 1 जुलाई 2024 को दिए गए मेरे निर्देश को जानबूझकर नजरअंदाज करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करें।"

दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने कहा कि मेरे आदेशों की अवहेलना की गई है। (इमेज-X/@AtishiAAP)

Santosh Kumar | July 4, 2024 | 04:32 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने गुरुवार (4 जुलाई) को मुख्य सचिव नरेश कुमार को 5,000 शिक्षकों के स्थानांतरण आदेश तुरंत वापस लेने का निर्देश दिया, जो उनके निर्देश के बिना जारी किए गए थे। मंत्री ने हाल ही में शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशालय को एक स्कूल में 10 साल से अधिक सेवा दे चुके शिक्षकों के तबादले के आदेश को वापस लेने के उनके निर्देशों की अवहेलना करने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।

आतिशी ने कहा कि एक ही स्कूल में कार्यरत शिक्षकों का अनिवार्य तबादला एक नया नियम है, जिसे शिक्षा निदेशालय ने इस साल शिक्षक तबादला नीति में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि डीओई ने इस 'महत्वपूर्ण नीति' का फैसला उनकी सहमति या परामर्श के बिना लिया। इतना ही नहीं, मेरे आदेश कि अवहेलना की।

उन्होंने कहा, "मेरे आदेशों के विपरीत, 2 जुलाई को लगभग 5,000 शिक्षकों के स्थानांतरण आदेश जारी किए गए। मैंने मुख्य सचिव को इस आदेश को तुरंत वापस लेने का निर्देश दिया है। मैंने उनसे यह भी कहा है कि यदि कोई भ्रष्टाचार या कदाचार हुआ है तो इसकी जांच की जाए।"

शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति 2020 में कहा गया है कि शिक्षकों का बार-बार या बड़े पैमाने पर तबादला नहीं किया जाना चाहिए। शिक्षकों को एक ही स्कूल में पढ़ाना चाहिए। जब एक स्कूल के आधे शिक्षकों का एक साथ तबादला हो जाता है तो स्कूल का पूरा कामकाज अव्यवस्थित हो जाता है और पढ़ाई का माहौल खराब हो जाता है। इसलिए मैंने 1 जुलाई को शिक्षा विभाग के अधिकारियों को तबादला आदेश वापस लेने के निर्देश दिए थे।

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शिक्षा विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप

उन्होंने अपने पत्र में लिखा, "मैंने 1 जुलाई 2024 को सचिव (शिक्षा) को उक्त धारा 16 को वापस लेने के स्पष्ट निर्देश दिए थे। इसके बावजूद 2 जुलाई 2024 की रात को शिक्षा निदेशालय द्वारा तबादला आदेश जारी कर दिया, जिसके तहत करीब 5000 शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित कर दिया गया।"

आतिशी ने कहा कि सवाल यह उठता है कि मेरे आदेश के बावजूद दिल्ली सरकार के अधिकारी तबादले के आदेश क्यों जारी कर रहे हैं। क्या ऐसा समय आ गया है कि दिल्ली सरकार के अधिकारी दिल्ली के स्कूलों को बर्बाद करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि यह भी देखने में आया है कि इस तबादले की प्रक्रिया में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है। कहा जा रहा है कि शिक्षकों ने अपने तबादले रुकवाने के लिए कई अधिकारियों को रिश्वत दी है और रिश्वत का लेन-देन हुआ है। अगर बच्चों का भविष्य तय करने वाले शिक्षा विभाग में ही भ्रष्टाचार होगा तो शिक्षा कैसे आगे बढ़ेगी।

उन्होंने शिक्षकों के स्थानांतरण के मामले में भ्रष्टाचार और कदाचार, यदि कोई हो, के खिलाफ सतर्कता जांच शुरू करने का भी अनुरोध किया। आतिशी ने तर्क दिया कि मामला गंभीर है और इससे शैक्षणिक माहौल में व्यवधान पैदा होगा।

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