CBSE: सीबीएसई का सभी स्कूलों को निर्देश, कैंपस में लगाना होगा ऑयल बोर्ड, स्वस्थ खान-पान को बढ़ावा देना लक्ष्य
स्कूली छात्रों को एक्सपेरिमेंटल लर्निंग के एक भाग के रूप में ऐसे बोर्ड तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। पोस्टर, वीडियो आदि सहित प्रासंगिक आईईसी सामग्री FSSAI के आधिकारिक YouTube चैनल पर उपलब्ध है।
Saurabh Pandey | July 16, 2025 | 04:02 PM IST
नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सभी संबद्ध स्कूलों को अपने परिसरों में 'तेल बोर्ड' स्थापित करने का निर्देश दिया है। इस पहल का उद्देश्य स्कूली बच्चों में अत्यधिक खाना पकाने के तेल के सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और एक अधिक संतुलित, स्वास्थ्य-उन्मुख जीवनशैली को प्रोत्साहित करना है।
यह निर्देश सीबीएसई द्वारा 'शुगर बोर्ड' के गठन के संबंध में जारी किए गए परिपत्र के बाद आया है, जिसमें छात्रों को अधिक चीनी के सेवन के खतरों के बारे में शिक्षित किया गया था।
आंकड़ों में जानें...
आंकड़े बताते हैं कि वयस्कों और बच्चों दोनों में मोटापे में तेजी से वृद्धि हो रही है। एनएफएचएस-5 (2019-21) के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में पांच में से एक से ज्यादा वयस्क अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं। 2025 में प्रकाशित द लैंसेट जीबीडी 2021 मोटापा पूर्वानुमान अध्ययन के अनुसार, भारत में अधिक वजन और मोटे वयस्कों की संख्या 2021 में 18 करोड़ से बढ़कर 2050 तक 44.9 करोड़ हो जाने का अनुमान है, जिससे यह वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे ज़्यादा मोटापे का बोझ वाला देश बन जाएगा। बचपन में मोटापे का प्रचलन मुख्यतः खराब खान-पान की आदतों और कम शारीरिक गतिविधियों से प्रभावित होता है।
सभी स्कूलों को अपने छात्रों और कर्मचारियों को निम्नलिखित तरीकों से संवेदनशील बनाना चाहिए-
ऑयल बोर्ड डिस्प्ले स्थापित करना - हानिकारक उपभोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्रों (कैफेटेरिया, लॉबी, मीटिंग रूम और अन्य सार्वजनिक स्थानों) में तेल बोर्ड डिस्प्ले (डिजिटल/स्थिर पोस्टर, आदि) लगाना।
सभी सरकारी स्टेशनरी पर स्वास्थ्य संदेश छापना- मोटापे से लड़ने के डेली रिमाइंडर को मजबूत करने के लिए सभी आधिकारिक स्टेशनरी (लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड, फ़ोल्डर आदि) और प्रकाशनों पर स्वास्थ्य संदेश छापना।
स्वस्थ भोजन और शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देना - स्कूलों में पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक भोजन विकल्पों (अधिक फल, सब्ज़ियां और कम वसा वाले विकल्प, और मीठे पेय और उच्च वसा वाले स्नैक्स की उपलब्धता को सीमित करके) और गतिविधि पहलों (जैसे सीढ़ियों के उपयोग को प्रोत्साहित करना, छोटे व्यायाम अवकाशों का आयोजन करना, और पैदल चलने के मार्गों की सुविधा प्रदान करना) की उपलब्धता के माध्यम से शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देना।
स्कूली छात्रों को एक्सपेरिमेंटल लर्निंग के एक भाग के रूप में ऐसे बोर्ड तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। पोस्टर, वीडियो आदि सहित प्रासंगिक आईईसी सामग्री FSSAI के आधिकारिक YouTube चैनल पर उपलब्ध है।
इस पहल के बारे में अधिक जानकारी के लिए, स्कूल भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से iec@fssai.gov.in पर ईमेल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।
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