CBSE Board Exam 2026: सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के लिए 75% उपस्थिति और आंतरिक मूल्यांकन अनिवार्य, नया नियम जारी

Abhay Pratap Singh | September 18, 2025 | 10:29 AM IST | 2 mins read

CBSE 2026 Exam Rule Changes: सीबीएसई ने कहा कि इंटरनल मार्क्स में छात्र के प्रदर्शन का रिकॉर्ड मौजूद नहीं होने पर, उनका परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा।

एनईपी-2020 के तहत सभी विषयों में आंतरिक मूल्यांकन दो वर्ष तक होता है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए नया नियम जारी किया है। सीबीएसई के अनुसार, परीक्षार्थियों के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य होगी, यदि छात्र स्कूल में नियमित रूप से नहीं आते हैं तो आंतरिक मूल्यांकन नहीं किया जाएगा।

सीबीएसई ने कहा है कि इंटरनल मार्क्स (आंतरिक मूल्यांकन) समग्र मूल्यांकन का “अनिवार्य हिस्सा” है। आंतरिक मूल्याकन में छात्र का रिकॉर्ड मौजूद नहीं होने पर उनका बोर्ड परीक्षा का परिणाम जारी नहीं किया जाएगा। सीबीएसई ने स्कूलों में छात्रों की कम उपस्थिति की शिकायत के चलते यह कदम उठाया है।

नोटिस के अनुसार, “सीबीएसई द्वारा प्रस्तावित सभी विषयों में NEP 2020 के अनुसार आंतरिक मूल्यांकन अनिवार्य है। यह दो साल की प्रक्रिया है। यदि कोई छात्र स्कूल नहीं जाता है, तो उसका आंतरिक मूल्यांकन नहीं किया जा सकता है। ऐसे छात्र, चाहे वे नियमित छात्र ही क्यों न हों, 'आवश्यक पुनरावृत्ति श्रेणी' में रखे जाएंगे।”

Also read CBSE Board 2026: सीबीएसई बोर्ड 10वी, 12वीं प्राइवेट छात्रों के लिए परीक्षा पंजीकरण शुरू, शुल्क, पात्रता मानदंड

आवश्यक पुनरावृत्ति श्रेणी उन विद्यार्थियों की श्रेणी है जो बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने में असफल रहे हैं और कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए पात्र नहीं हैं। बोर्ड के अनुसार, कक्षा 10 और कक्षा 12 दो वर्ष का कार्यक्रम है, जिसमें कक्षा 9-10 और कक्षा 11-12 शामिल हैं। प्रत्येक विषय के छात्र को 2 वर्षों तक पढ़ाई करनी होगी।

आगे कहा कि, सीबीएसई कक्षा 10 और 12 में अतिरिक्त विषयों का विकल्प देता है। कक्षा 10 में छात्र अनिवार्य 5 विषयों के अलावा 2 अतिरिक्त विषय चुन सकते हैं। कक्षा 12 में केवल 1 अतिरिक्त विषय लिया जा सकता है। अतिरिक्त विषय लेने वाले छात्र को इसे 2 वर्षों तक पढ़ना होगा।

आधिकारिक सूचना में कहा गया कि, संबद्ध विद्यालयों में यदि कोई स्कूल सीबीएसई से किसी विषय की अनुमति नहीं लेता है और उसके पास उस विषय के शिक्षक, प्रयोगशालाएं आदि नहीं हैं, तो उसके छात्र उस विषय को मुख्य या अतिरिक्त विषय के रूप में नहीं ले सकते। अधिक जानकारी के लिए www.cbse.gov.in पर विजिट कर सकते हैं।

[

विशेष समाचार

]
[

नवीनतम शिक्षा समाचार

]