बीएचयू और आईआईटी बीएचयू ने रिसर्च की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए साइन किया एमओयू, लैब-लाइब्रेरी होंगी साझा
प्रोफेसर पात्रा ने बीएचयू और आईआईटी-बीएचयू समुदायों से इस अवसर का लाभ उठाने और अपने लाभ और देश के कल्याण दोनों के लिए सहयोग करने का आग्रह किया।
Saurabh Pandey | September 5, 2024 | 05:57 PM IST
नई दिल्ली : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बीएचयू (आईआईटी-बीएचयू) ने रिसर्च की गुणवत्ता बढ़ाने और सहयोगात्मक अनुसंधान प्रयासों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है। दोनों संस्थानों ने गुरुवार को प्रयोगशाला और पुस्तकालय सुविधाओं को साझा करने के साथ-साथ संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं (Further Joint Research Projects) को आगे बढ़ाने के लिए तीन एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
एमओयू पर बीएचयू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह और आईआईटी-बीएचयू के रजिस्ट्रार राजन श्रीवास्तव ने स्वतंत्रता भवन में हस्ताक्षर किए, जब कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन और आईआईटी-बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने समझौतों का आदान-प्रदान किया। इस समारोह में संकाय सदस्यों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया।
बीएचयू विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान और कृषि विज्ञान में रिसर्च के लिए एडवांस्ड प्रयोगशालाएं उपलब्ध कराता है। जबकि आईआईटी-बीएचयू प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और विज्ञान में अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराता है।
एमओयू से दोनों संस्थानों के छात्रों को फायदा
इसके अतिरिक्त, संस्थान अपने पुस्तकालय संसाधनों को साझा करने पर सहमत हुए हैं। यह समझौता बीएचयू संकाय और अनुसंधान स्कॉलर्स को आईआईटी-बीएचयू के श्रीनिवास देशपांडे पुस्तकालय में प्रिंट और डिजिटल दोनों संसाधनों का उपयोग करने की अनुमति देगा।
इसी तरह आईआईटी-बीएचयू के सदस्यों को बीएचयू की सयाजी राव गायकवाड़ लाइब्रेरी में उपलब्ध व्यापक संसाधनों से लाभ होगा। इस सहयोग से शिक्षण, सीखने और अनुसंधान को आगे बढ़ाने की उम्मीद है, और इसमें नई पुस्तकालय प्रौद्योगिकियों में कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के प्रावधान शामिल हैं।
बीएचयू के कुलपति प्रो.सुधीर कुमार जैन ने दोनों संस्थानों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर को आपसी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक मान्यता अकादमिक संस्थानों को उत्कृष्टता के लिए सहयोग करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
उन्होंने कहा कि अलग-अलग काम करने से प्रगति में बाधा आती है, और इसलिए, शैक्षणिक संस्थानों को विकास के एकजुट होना चाहिए। अपने व्याख्यान में प्रोफेसर जैन ने विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारियों और शिक्षा के उद्देश्य पर बात की।
आईआईटी-बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने अन्य संस्थानों के साथ सहयोग के महत्व को दोहराते हुए कहा कि संयुक्त प्रयास अकेले काम करने की तुलना में काफी बेहतर परिणाम दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज हस्ताक्षरित एमओयू दोनों संस्थानों के बीच प्रभावशाली सहयोग की नींव रखते हैं।
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