UPPSC Exam Date Row: यूपीपीएससी आरओ-एआरओ, पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा तिथियों को लेकर छात्रों का विरोध जारी
Saurabh Pandey | November 12, 2024 | 10:31 PM IST | 2 mins read
यूपीपीएससी आरओ-एआरओ, पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा तिथियों को लेकर प्रदर्शनकारी छात्रों ने सोमवार को यूपीपीएससी मुख्यालय की घेराबंदी कर धरना दिया, जबकि बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों ने उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की।
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी यूपीपीएससी की तरफ से आरओ-एआरओ और पीसीएस प्रारंभिक परीक्षाओं को अलग-अलग तारीखों पर निर्धारित करने के फैसले का विरोध कर रहे अभ्यर्थियों ने मंगलवार को दूसरे दिन भी अपना प्रदर्शन जारी रखा। सोमवार को प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) मुख्यालय के बाहर एकत्र हुए और धरना दिया।
जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त के बीच देर रात हुई बैठक बिना किसी समाधान के समाप्त हो गई। कई प्रदर्शनकारी रात भर रुके रहे, जबकि अन्य जो घर चले गए वे अपना प्रदर्शन फिर से शुरू करने के लिए मंगलवार सुबह लौट आए। छात्रों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर 'हम पीछे नहीं हटेंगे, न्याय मिलने तक एकजुट रहेंगे' और 'एक दिन, एक परीक्षा' जैसे नारे लिखे हुए थे।
UPPSC Exam Date Row: परीक्षा तिथि
यूपीपीएससी (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को दो दिनों में आयोजित की जाएगी, जबकि समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में आयोजित की जाएगी।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि-
हो एक शिफ़्ट एक एग्जाम
यही एकजुट युवा की मांग
ये हास्यास्पद है कि देश-प्रदेश के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक हालातों को ‘एब्नार्मल’ कर देनेवाले भाजपाई ‘नॉर्मलाइजेशन’ की बात कर रहे हैं। ये युवाओं के वर्तमान के साथ भद्दा मजाक है, भविष्य की तो बात ही छोड़ दीजिए।
युवक-युवती कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
जब भाजपा जाएगी
तब नौकरी आएगी!
बसपा प्रमुख मायावती ने एक्स पर कहा कि-
उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस तथा आरओ-एआरओ की भी प्रारंभिक परीक्षा-2024 एक समय में कराने में विफलता को लेकर आक्रोशित छात्रों पर पुलिस कार्रवाई से उत्पन्न स्थिति की खबर का व्यापक चर्चा में रहना स्वाभाविक। क्या यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस आदि जैसी विशिष्ट परीक्षा दो दिन में करानी पड़ रही है। पेपर लीक पर रोक व परीक्षाओं की विश्वसनीयता अहम मुद्दा, जिसके लिए एक बार में ही परीक्षा व्यवस्था जरूरी। सरकार इस ओर ध्यान दे।
साथ ही, गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि की जबरदस्त मार झेल रहे छात्रों के प्रति सरकार का रवैया क्रूर नहीं बल्कि सहयोग एवं सहानुभूति का होना चाहिए। इसको लेकर सरकार खाली पड़े सभी बैकलाग पर जितनी जल्दी भर्ती की प्रक्रिया पूरी करे उतना बेहतर। लोगों को रोज़ी-रोेज़गार की सख्त जरूरत।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर कहा कि-
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को छात्रों के मुद्दों पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें अपने शासनकाल में हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार को याद रखना चाहिए। पुलिस अधिकारी संयमित व्यवहार करें और छात्रों पर बल प्रयोग न हो। प्रतियोगी छात्रों से अनुरोध है कि वे अपनी समस्याओं को शांतिपूर्ण तरीके से उठाएँ और सपा की राजनीति का शिकार न बनें। आपकी न्याय की लड़ाई में सरकार और मैं सदैव आपके साथ हूँ। 2012 से 2017 तक सपा सरकार में क्या क्या हुआ था यह पूरा प्रदेश जानता है।
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