यूजीसी ने एंटी रैगिंग नियमों को लेकर 18 मेडिकल कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया
यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने कहा, "इन कॉलेजों ने रैगिंग की समस्या को रोकने के लिए निर्धारित अनिवार्य नियमों का पालन नहीं किया।"
Press Trust of India | February 7, 2025 | 05:04 PM IST
नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एंटी-रैगिंग मानदंडों का पालन न करने के लिए 18 मेडिकल कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन कॉलेजों में दिल्ली, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी के दो-दो, आंध्र प्रदेश और बिहार के तीन-तीन और मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के एक-एक कॉलेज शामिल हैं।
यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने कहा, "इन कॉलेजों ने रैगिंग की समस्या को रोकने के लिए निर्धारित अनिवार्य नियमों का पालन नहीं किया। संस्थान नियमों के अनुसार छात्रों से रैगिंग विरोधी शपथ-पत्र प्राप्त करने में विफल रहे।"
एंटी-रैगिंग रेगुलेशन, 2009 के तहत, प्रत्येक छात्र और उसके माता-पिता को प्रवेश के समय और प्रत्येक नए शैक्षणिक वर्ष में एंटी-रैगिंग शपथ-पत्र देना आवश्यक है। मनीष जोशी ने इसे रैगिंग रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
Anti-Ragging Rules: इन कॉलेजों को भेजा गया नोटिस
इन कॉलेजों में दिल्ली में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल तथा हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, उत्तर प्रदेश में डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल में स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान तथा तेलंगाना में उस्मानिया मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। असम में लखीमपुर मेडिकल कॉलेज और नागांव मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शामिल हैं।
बिहार में सरकारी मेडिकल कॉलेज (बेतिया), कटिहार मेडिकल कॉलेज (कटिहार) और मधुबनी मेडिकल कॉलेज और आंध्र प्रदेश में आंध्र मेडिकल कॉलेज (विशाखापत्तनम), गुंटूर और कुरनूल मेडिकल कॉलेज भी सूची में शामिल हैं।
Also read UGC: यूजीसी ने भर्ती, प्रमोशन रेगुलेशन ड्राफ्ट पर फीडबैक देने की समय सीमा 28 फरवरी तक बढ़ाई
कॉलेजों से 7 दिन के भीतर मांगा जवाब
जिन अन्य मेडिकल कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है उनमें बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (मध्य प्रदेश), जेआईपीएमईआर और महात्मा गांधी मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुडुचेरी शामिल हैं।
इसमें तमिलनाडु के सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज और क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज भी शामिल हैं। कॉलेजों को नोटिस मिलने के 7 दिन के भीतर लिखित स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है।
चूक के कारणों और सुधार के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी मांगी गई है। जोशी ने बताया कि यदि समय पर संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं मिला तो एंटी रैगिंग रेगुलेशन 2009 के तहत जुर्माना और अन्य कार्रवाई की जाएगी।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- NEET UG 2025: सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कितनी सीटें? पिछले साल हुई बढ़ोतरी, जानें राज्यवार डिटेल
- Israel-Iran Conflict: सुरक्षा कारणों से तेहरान से भारतीय छात्रों को निकाला गया, विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
- UP Police Joining Letter: यूपी पुलिस में एक साथ भर्ती हुए सेवानिवृत्त फौजी और उनके बेटे को मिला नियुक्त पत्र
- Teachers Protest: यूपी में 7 साल से नहीं आई कोई शिक्षक भर्ती, बेरोजगारों ने आयोग दफ्तर के बाहर किया प्रदर्शन
- NEET UG 2025: नीट यूजी आंसर की जल्द; सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें एम्स कटऑफ
- JEE Advanced 2025: जेईई एडवांस्ड पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें कैटेगरी वाइज कटऑफ अंक
- NEET UG 2025: उत्तर प्रदेश के शीर्ष एमबीबीएस मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? पात्रता और फीस जानें
- NEET UG 2025: नीट यूजी परीक्षा पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें पिछले 3 सालों का कैटेगरी वाइज कटऑफ
- IIT Admission 2025: आईआईटी में बिना जेईई कैसे मिलेगा एडमिशन? जानें क्या-क्या हैं विकल्प
- Top Dental Colleges in India 2025: भारत के टॉप डेंटल कॉलेज कौन से हैं? एलिजिबिलिटी, रैंक, फीस जानें