NFSU Conference 2024: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनएफएसयू के 5वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद पिछले 75 वर्षों में भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बन गया है। दुनिया में कोई भी भारतीय जनता की लोकतंत्र के प्रति आस्था पर सवाल नहीं उठा सकता है।

भारत ने आपराधिक न्याय के 150 साल पुराने कानूनों को खत्म कर नए कानून लाए गए हैं। (प्रतीकात्मक-पीआईबी)

Abhay Pratap Singh | January 23, 2024 | 08:04 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 23 जनवरी को गुजरात में नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) के 5वें अंतर्राष्ट्रीय और 44वें अखिल भारतीय अपराध विज्ञान सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि तीन नए आपराधिक कानून 5 साल के अंदर लागू हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि इन तीनों कानूनों में दो प्रमुख मुद्दे इस सम्मेलन से जुड़े हैं। पहला, समय पर न्याय दिलाना और दूसरा, सजा दर बढ़ाकर अपराधों पर अंकुश लगाना है। जिन अपराधों में 7 साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है, उनमें फॉरेंसिक साइंस ऑफिसर के लिए अपराध स्थल का दौरा करना अनिवार्य कर दिया गया है।

गृह मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान आगे कहा कि टेक्नोलॉजी की मदद से 5 साल में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की सभी चुनौतियों को दूर कर देश की न्याय व्यवस्था सबसे आधुनिक बन जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पिछले 10 वर्षों में 50 से अधिक पथप्रदर्शक कार्य किये हैं।

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अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने ऐसी व्यवस्था बनाई है कि अगले 5 साल में देश में हर साल 9000 से ज्यादा फॉरेंसिक साइंस ऑफिसर तैयार होंगे। वहीं, नए कानूनों में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से अब न्याय मिलना सस्ता और सुलभ हो जाएगा।

आने वाले वर्ष में देशभर में एनएफएसयू के 9 और कैंपस खोले जाएंगे। आपराधिक न्याय प्रणाली को अपराधियों से दो पीढ़ी आगे रहने की जरूरत है। नए कानूनों में जांच, अभियोजन और न्यायिक प्रक्रिया में फॉरेंसिक साइंस को महत्व दिया गया है, इससे युवाओं के लिए बड़े रास्ते खुलने वाले हैं।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्घाटन ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली एक नये युग में प्रवेश कर रही है। भारत में आपराधिक न्याय के 150 साल पुराने मूल कानूनों को खत्म कर नए कानून लाए गए हैं।

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