Ambedkar University Delhi: अंबेडकर विवि ने 2025-26 के लिए राजनीति शास्त्र में एमए, डीलिट पाठ्यक्रम की घोषणा की

Press Trust of India | May 8, 2025 | 05:45 PM IST | 1 min read

अंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली की कुलपति अनु सिंह लाठर ने बताया कि विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप ढाल रहा है।

इस वर्ष स्नातक स्तर पर कुल 1,123 और परास्नातक स्तर पर 1,491 सीटें उपलब्ध कराई जाएंगी। (स्त्रोत-आधिकारिक वेबसाइट)
इस वर्ष स्नातक स्तर पर कुल 1,123 और परास्नातक स्तर पर 1,491 सीटें उपलब्ध कराई जाएंगी। (स्त्रोत-आधिकारिक वेबसाइट)

नई दिल्ली: डॉ बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली (ADU) ने आज यानी 8 मई को 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए दो नए शैक्षणिक कार्यक्रम राजनीति शास्त्र में परास्नातक (एमए) और डॉक्टरेट ऑफ लिटरेचर (डीलिट) शुरू करने की घोषणा की। पाठ्यक्रम संबंधित अधिक जानकारी के लिए एडीयू की आधिकारिक वेबसाइट aud.delhi.gov.in पर विजिट कर सकते हैं।

विश्वविद्यालय की कुलपति अनु सिंह लाठर ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। इस दौरान, उन्होंने स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश पुस्तिका का भी विमोचन किया। उन्होंने बताया, “इस वर्ष स्नातक स्तर पर कुल 1,123 और परास्नातक स्तर पर 1,491 सीटें उपलब्ध कराई जाएंगी।”

कुलपति अनु सिंह लाठर ने विश्वविद्यालय के “समावेशी” और “सुलभ” शिक्षा मॉडल को रेखांकित करते हुए कहा, “हमारी फीस अत्यंत रियायती है क्योंकि विश्वविद्यालय पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्तपोषित है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और दिव्यांग छात्रों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता। छात्रवृत्ति और छात्र कल्याण योजनाओं पर पिछले वर्ष 6.26 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए।”

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उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप ढाल रहा है और ‘अनुभवात्मक अधिगम’ (एक्सपीरिएंशल लर्निंग) पर जोर दे रहा है। कुलपति ने कहा, “एनईपी के फील्ड वर्क पर ज़ोर देते हुए हमारे छात्र हरियाणा के राखीगढ़ी जैसे स्थलों पर व्यावहारिक अनुभव के लिए जा रहे हैं।”

डीलिट कार्यक्रम साहित्य, मानविकी, सामाजिक विज्ञान और डिज़ाइन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने या उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। लाठर ने बताया कि आमतौर पर डीलिट को मानद उपाधि के रूप में दिया जाता है, लेकिन एयूडी में इसे अर्जित की जाने वाली शैक्षणिक उपाधि के रूप में शुरू किया जाएगा।

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