Union Budget 2024: वित्त मंत्री सीतारमण के अंतिरम बजट में स्कूलों के डिजिटलीकरण पर जोर देने की उम्मीद

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी। इस बजट में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करने की भी मांग की गई है।

स्कूलों की डिजिटल क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)
स्कूलों की डिजिटल क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Abhay Pratap Singh | January 23, 2024 | 07:05 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारण 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी। संस्थानों के निदेशकों ने इस बजट में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करने की उम्मीद जताई है। उनका मानना है कि स्कूलों के डिजिटलीकरण और शिक्षा के अनुरूप वातावरण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

गीतम डीम्ड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ निदेशक निधिश सक्सेना का मानना है कि केंद्रीय बजट 2024 से एक ऐसी महत्वपूर्ण संरचना तैयार होने की उम्मीद है, जो शैक्षिक प्रगति के समर्थन व छात्रों के लिए वित्तीय चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम हो। सक्सेना से शिक्षकों को कुशल बनाने के लिए व्यापक शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता पर भी जोर दिया है।

एकेडमी ऑफ फैशन एंड आर्ट की निदेशक रेखा केजरीवाल ने कहा कि स्कूलों की डिजिटल क्षमताओं को बढ़ाने और घर पर शिक्षा के लिए एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देने की जरूरत है। साथ ही स्कूल और स्कूल के बाद की शिक्षा के बीच संतुलन बनाना काफी महत्वपूर्ण है।

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एमडीआई के निदेशक प्रो. अरविंद सहाय ने अपने विचार रखते हुए कहा कि डिजिटलीकरण के बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी-संचालित शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। बजट में कौशल विकास पहल को भी प्राथमिकता दी जा सकती है।

बेकरी एंड कलिनरी ऑर्ट्स इंस्टिट्यूट के निदेशक शेफ बालेंद्र सिंह ने कहा कि कौशल विकास कार्यक्रम, तकनीकी प्रगति और आतिथ्य शिक्षा के लिए बुनियादी ढांचे में वृद्धि के लिए धन का आवंटन किया जाना चाहिए। हम सरकार को अनुसंधान और अनुभवात्मक शिक्षण पहल के लिए शिक्षा और आतिथ्य क्षेत्र के बीच प्रोत्साहन सहयोग पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

अंतरिम बजट 2024 पर अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी की प्रमुख धारा ठाकोर ने कहा कि नए युग की टेक्नोलॉजी के साथ ही पारंपरिक संरचनात्मक उद्योगों जैसे साहित्य, डिजाइन, फैशन, गेमिंग की ओर छात्रों की प्राथमिकता में बदलाव देखने को मिला है। इस क्षेत्र के विकास का समर्थन करने वाला वातावरण बनाने के लिए अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास जैसे विभिन्न शिक्षण आयामों के संयोजन की आवश्यकता होगी।

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