NEET UG SC Hearing: न्यायालय ने नीट-यूजी सुधारों पर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समिति को 2 सप्ताह का और समय दिया
Press Trust of India | October 21, 2024 | 02:32 PM IST | 2 mins read
एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 5 मई को आयोजित नीट-यूजी 2024 परीक्षा में 23 लाख से अधिक अभ्यार्थियों ने हिस्सा लिया था।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (SC) ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (NEET UG) परीक्षा आयोजित कराने में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के कामकाज की समीक्षा के बाद परीक्षा संबंधी सुधारों पर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए केंद्र द्वारा नियुक्त सात सदस्यीय विशेषज्ञ समिति को दी गई समय-सीमा सोमवार को दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी है।
न्यायालय ने एनटीए के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में केंद्र द्वारा गठित सात सदस्यीय विशेषज्ञ समिति के कार्यक्षेत्र का दो अगस्त को विस्तार किया था। एनटीए स्नातक चिकित्सा कार्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी का आयोजन करता है।
न्यायालय ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने से इनकार करते हुए कहा था कि इस समय रिकार्ड में यह साबित करने वाला कोई ठोस सबूत नहीं है कि परीक्षा की शुचिता से समझौते का कोई कदाचार हुआ या प्रश्न पत्रों को व्यवस्थित तरीके से लीक किया गया।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ से सोमवार को कहा कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट दाखिल करने की समय सीमा समाप्त हो रही है और उन्होंने दो सप्ताह का समय विस्तार दिए जाने का अनुरोध किया।
इस पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। पीठ ने इस तथ्य पर गौर किया कि समिति की रिपोर्ट लगभग पूरी हो चुकी है और उसने इसे दाखिल करने के लिए और दो सप्ताह का समय दे दिया।
पीठ ने समिति के कार्यक्षेत्र का विस्तार करते हुए एनटीए की कई खामियों की ओर ध्यान आकर्षित कराया था, जिनमें झारखंड के हजारीबाग में एक परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा में चूक, ई-रिक्शा द्वारा प्रश्नपत्रों का परिवहन और अभ्यर्थियों के बीच प्रश्नपत्रों का गलत वितरण शामिल है।
केंद्र द्वारा गठित समिति में राधाकृष्णन के अलावा रणदीप गुलेरिया, बी जे राव, राममूर्ति के., पंकज बंसल, आदित्य मित्तल और गोविंद जायसवाल बतौर सदस्य शामिल हैं। पीठ ने कहा कि समिति को केंद्र और एनटीए ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसके अलावा वह परीक्षा सुरक्षा और प्रशासन, डेटा सुरक्षा और तकनीकी संवर्धन पर भी विचार करेगी।
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