चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल, प्रोपल्शन मॉड्यूल और एक रोवर को शामिल किया गया था, जिसका उद्देश्य अंतरग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई तकनीकों का विकास और प्रदर्शन करना था।
Abhay Pratap Singh | August 23, 2024 | 11:21 AM IST
नई दिल्ली: भारत आज यानी 23 अगस्त को अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 (National Space Day 2024) मना रहा है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का नेतृत्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा किया गया है। भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए इस तिथि को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जाता है।
चंद्रयान-3 मिशन ने 23 अगस्त 2023 को चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग पूरी की थी। इसके साथ ही भारत चांद की सतह पर उतरने वाला विश्व का चौथा देश बन गया। वहीं, भारत चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में उतरने वाला पहला देश बन गया। नेशनल स्पेश डे पर राजधानी दिल्ली में विज्ञान एवं अंतरिक्ष से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
विक्रम लैंडर को जिस स्थान पर सफलतापूर्वक उतारा गया था उस लैंडिंग प्लाइंट का नाम ‘शिव शक्ति’ पॉइंट (स्टेशन शिव शक्ति) रखा गया और 23 अगस्त को “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” घोषित किया गया। बता दें, चंद्रयान-3 मिशन के दौरान सफल लैंडिंग के बाद विक्रम लैंडर से निकलकर प्रज्ञान रोजर ने चांद की सतह का निरीक्षण किया था।
भारत के राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 की थीम ‘चांद को छूते हुए जीवन को छूना’ है। थीम इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने अपने निवासियों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है, जो वैज्ञानिक सफलताओं से आगे बढ़कर सामाजिक विकास, आर्थिक समृद्धि और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को शामिल करता है।
चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (एलएम), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर को शामिल किया गया था। इसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर विशेष रूप से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग के लिए इसरो की क्षमता का प्रदर्शन करना था। इस मिशन का लक्ष्य सॉफ्ट लैंडिंग, रोवर एक्सप्लोरेशन और साइंटिफिक एक्सप्लोरेशन हासिल करना था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नेशनल स्पेश डे’ पर बधाई देते हुए कहा कि, “पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर सभी को बधाई। हम अंतरिक्ष क्षेत्र में अपने देश की उपलब्धियों को बड़े गर्व के साथ याद करते हैं। यह हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना करने का भी दिन है। हमारी सरकार ने इस क्षेत्र से संबंधित अनेक निर्णय लिए हैं तथा आने वाले समय में हम और भी निर्णय लेंगे।”