New Medical Colleges: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए आवेदन आमंत्रित किए
Abhay Pratap Singh | December 6, 2024 | 02:36 PM IST | 2 mins read
मेडिकल कॉलेज स्थापित करने और एमबीबीएस सीटें बढ़ाने की अनुमति देने की मूल्यांकन प्रक्रिया में आवेदन पत्र का मूल्यांकन और संस्थानों का निरीक्षण शामिल होगा।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए स्नातक पाठ्यक्रम और एमबीबीएस सीटों में बढ़ोतरी के लिए नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हेतु आवेदन आमंत्रित किए हैं। पंजीकरण प्रक्रिया आधिकारिक वेबसाइट nmc.org.in पर शुरू है। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 5 जनवरी है।
संशोधित शुल्क संरचना के अनुसार, भारत में 50 एमबीबीएस सीटों वाले मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 6 साल के लिए शुल्क 15 करोड़ रुपये है। 100 एमबीबीएस सीटों के साथ नया कॉलेज शुरू करने के लिए आवेदकों को 20 करोड़ रुपये और 50 अतिरिक्त सीटों के लिए आवेदन करने पर 5 करोड़ रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
एमबीबीएस और पीजी मेडिकल कोर्स के लिए सभी आवेदनों का मूल्यांकन अलग-अलग स्तरों पर किया जाएगा। संस्थानों को स्व-सत्यापित अनिवार्यता प्रमाणपत्र (ईसी), संबद्धता की सहमति (सीओए), आवेदन शुल्क, बैंक गारंटी, एमबीबीएस कोर्स की स्थिति, अनुमति पत्र, एईबीएएस डेटा रिपोर्ट आदि संबंधित पत्र डिजिटल हस्ताक्षर के साथ जमा करने होंगे।
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स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और एमबीबीएस सीटों में वृद्धि के लिए आवेदन करने वालों को ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करना होगा। एनएमसी द्वारा कोई ऑफलाइन या हार्ड कॉपी स्वीकार नहीं की जाएगी।
Medical Colleges in India: आवेदन कैसे करें?
- आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदक को पंजीकृत ईमेल आईडी पर वन-टाइम पासवर्ड के साथ एक यूनिक आईडी प्राप्त होगी।
- यूनिक आईडी की सहायता से साइन-इन करें और पासवर्ड बदलें।
- अब, ‘आवेदन शुरू करें - नए स्नातक चिकित्सा संस्थान की स्थापना / यूजी सीटों की वृद्धि’ आइकन पर क्लिक करें।
- सभी आवश्यक विवरणों के साथ फॉर्म भरें और समय सीमा से पहले जमा करें।
New Medical Colleges in India: यूजी और पीजी मेडिकल कोर्स
यूजी और पीजी मेडिकल कोर्स दोनों के लिए एनएमसी संस्थानों में निरीक्षण करेगा। नवीनतम एनएमसी दिशानिर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे, चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता, संकाय, एईबीएएस डेटा, क्लीनिकल मैटेरियल और कॉलेज की वित्तीय स्थिति की जांच करेंगे। इसके अलावा, मूल्यांकन के दौरान कर्मचारियों और छात्रों का साक्षात्कार भी लिया जा सकता है।
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