सीएम ने कहा है कि अधिकारी छात्रों को परीक्षा में शामिल होने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त ने इन कॉलेजों की सूची संबंधित जिलाधिकारियों को भेज दी है।
Santosh Kumar | May 29, 2024 | 02:34 PM IST
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार 31 जिलों के 66 नर्सिंग कॉलेजों को बंद करने का फैसला किया है। इन कॉलेजों में बुनियादी सुविधाओं की कमी और अन्य अनियमितताओं के चलते यह कदम उठाया गया है। कथित घोटाला कई नर्सिंग कॉलेजों के कामकाज में घोर अनियमितताओं से जुड़ा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद सीएम मोहन यादव ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इससे कोई भी छात्र प्रभावित नहीं होना चाहिए।
सीएम ने कहा है कि अधिकारी छात्रों को परीक्षा में शामिल होने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त ने इन कॉलेजों की सूची संबंधित जिलाधिकारियों को भेज दी है। इन कॉलेजों की मान्यता पहले ही रद्द की जा चुकी है। इंदौर समेत कई जिलों में ऐसे कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
बंद होने वाले कॉलेजों की सूची में बैतूल के 8, भोपाल के 6, इंदौर के 5, छतरपुर, धार और सीहोर के 4-4, नर्मदापुरम के 3, भिंड, छिंदवाड़ा, जबलपुर, झाबुआ, मंडला, रीवा, सिवनी और विदिशा के 2-2 कॉलेज शामिल हैं। इसके अलावा अलीराजपुर, अनूपपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, देवास, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन, मुरैना, पन्ना, सागर, टीकमगढ़, उज्जैन, उमरिया, विदिशा और श्योपुर के 1-1 कॉलेज भी सूची में शामिल हैं।
सीबीआई के प्रवक्ता ने पहले कहा था, "सीबीआई और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, भोपाल ने उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में 7 कोर टीमों और तीन से चार सहायक टीमों का गठन किया था, जिसमें सीबीआई अधिकारी, मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों द्वारा नामित अधिकारी और पटवारी शामिल थे।
गौरतलब है कि हाल ही में सीबीआई के एक अधिकारी को एजेंसी की जांच के दायरे में आए एक नर्सिंग कॉलेज के चेयरमैन से कथित तौर पर 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। घटना के बाद सीबीआई ने अपने निरीक्षक राहुल राज की सेवाएं समाप्त कर दी थीं। मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाला मामले में सीबीआई की जांच में पता चला है कि उसके अधिकारी निरीक्षण के बाद अनुकूल रिपोर्ट देने के लिए प्रत्येक संस्थान से कथित तौर पर 2 से 10 लाख रुपये वसूल रहे थे।
इससे पहले, सीबीआई ने अपनी जांच में मध्य प्रदेश के कुल 308 कॉलेजों में से 169 को उपयुक्त, 66 को अनुपयुक्त और 73 को अपर्याप्त घोषित किया था। 73 अपर्याप्त कॉलेजों को कुछ कमियों के कारण अपर्याप्त श्रेणी में रखा गया था।
नए आदेश के मुताबिक, अपर्याप्त कॉलेजों को 1 जून को अपनी रिपोर्ट देनी होगी। बता दें कि मध्य प्रदेश के विभिन्न नर्सिंग कॉलेजों को 31 मार्च 2024 तक कमियां दूर करने को कहा गया था, लेकिन सीबीआई की जांच रिपोर्ट में कुल 73 नर्सिंग कॉलेजों में कमियां पाई गई हैं। बड़ी बात यह है कि इसका खामियाजा उन कॉलेजों में दाखिला लेने वाले छात्रों को भुगतना पड़ेगा।