विभाग ने कहा है कि स्कूलों में कोरोना से बचने के नियमों का पालन किया जाना चाहिए। शुक्रवार शाम तक राज्य में 234 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। 1 जनवरी से अब तक पहले से बीमार 3 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
विभाग ने कहा है कि अगर किसी शिक्षक या अन्य स्टाफ में कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें सतर्क रहने और जरूरी कदम उठाने की सलाह दी जाए।
Press Trust of India | May 31, 2025 | 05:29 PM IST
बेंगलुरु: कर्नाटक में कोरोना वायरस की स्थिति और स्कूलों को फिर से खोलने के मद्देनजर, राज्य सरकार ने एक परिपत्र जारी कर अभिभावकों से कहा है कि वे अपने बच्चों को बुखार, खांसी, जुकाम और अन्य लक्षण होने पर स्कूल न भेजें।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आयुक्त ने सरकारी और निजी स्कूलों के लिए देर रात एक परिपत्र जारी किया। यह निर्देश 26 मई को सीएम सिद्धारमैया की अध्यक्षता में आयोजित कोरोना वायरस स्थिति की समीक्षा बैठक के दौरान दिया गया।
शुक्रवार देर रात जारी परिपत्र में कहा गया है, “यदि स्कूली बच्चों में बुखार, खांसी, जुकाम और अन्य लक्षण पाए जाते हैं, तो बच्चों को स्कूल न भेजें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार उचित उपचार और देखभाल के उपाय अपनाएं।”
इसमें बच्चों को पूर्णतः ठीक होने के बाद ही स्कूल भेजने का निर्देश दिया गया है। इसमें कहा गया है कि यदि बच्चे बुखार, खांसी, जुकाम और अन्य लक्षणों के साथ स्कूल आते हैं तो उनके माता-पिता को सूचित करें और उन्हें घर वापस भेज दें।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि अगर किसी स्कूल में शिक्षक या अन्य स्टाफ में कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें सतर्क रहने और जरूरी कदम उठाने की सलाह दी जाए। विभाग ने बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह सलाह दी है।
विभाग ने कहा है कि स्कूलों में कोरोना से बचने के नियमों का पालन किया जाना चाहिए। शुक्रवार शाम तक राज्य में 234 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। 1 जनवरी से अब तक पहले से बीमार 3 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।