iRISE Programme: आईआईटी रुड़की ने आईराईज कार्यक्रम के तहत 10 दिवसीय शिक्षक विकास कार्यशाला का आयोजन किया

उत्तराखंड में स्टेम शिक्षा में नवाचार एवं उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए शिक्षक विकास कार्यशाला एक सहयोगात्मक प्रयास है।

आईआईटी रुड़की द्वारा इस कार्यशाला की मेजबानी की गई। (स्त्रोत-ऑफिशियल प्रेस रिलीज)आईआईटी रुड़की द्वारा इस कार्यशाला की मेजबानी की गई। (स्त्रोत-ऑफिशियल प्रेस रिलीज)

Abhay Pratap Singh | August 30, 2024 | 12:31 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (IIT Roorkee) ने अनुसंधान नवाचार एवं स्टेम शिक्षा (iRISE) कार्यक्रम में भारत को प्रेरित करने के लिए 10 दिवसीय शिक्षक विकास कार्यशाला का आयोजन किया। 21 अगस्त से 30 अगस्त तक आयोजित इस कार्यशाला का आयोजन राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) उत्तराखंड और भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) पुणे के सहयोग से किया गया।

इस पहल का उद्देश्य उत्तराखंड भर में कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के शिक्षकों को सशक्त बनाना और उन्हें अपने जिलों में इनोवेशन चैंपियन बनने के लिए तैयार करना है। यह आयोजन शिक्षा में नवाचार एवं उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी रुड़की के निरंतर प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। शिक्षक विकास कार्यशाला में अतिथियों और संकाय सदस्यों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।

Background wave

आईआईटी रुड़की के कुलशासक शैक्षणिक मामले के प्रोफेसर नवीन कुमार ने कहा, “आईआईटी रुड़की में हम शैक्षणिक नवाचार एवं उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित हैं। यह कार्यशाला शिक्षकों को अगली पीढ़ी के नवप्रवर्तकों को प्रेरित करने के लिए आवश्यक उपकरण और ज्ञान प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। शिक्षकों को प्रोत्साहित करके हम एक उज्जवल और अधिक नवोन्मेषी भविष्य की नींव रख रहे हैं।”

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आईआईटी रुड़की के सतत शिक्षा केंद्र (CEC) ने इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने के लिए आईराईज (iRISE) और आईआईएसईआर (IISER) पुणे के साथ मिलकर कार्य किया। कार्यशाला में शिक्षकों को स्टेम शिक्षा, प्रक्रिया नवाचार एवं कैस्केड प्रशिक्षण मॉड्यूल की प्रमुख अवधारणाओं से परिचित कराया गया। साथ ही, पूछताछ और गतिविधि-आधारित सीखने के लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया गया।

आईआईएसईआर पुणे के आईआरआईएसई के प्रधान अन्वेषक प्रो हरिनाथ चक्रपाणि ने कहा, “इस कार्यशाला को सफल बनाने में आईआईटी रुड़की के साथ सहयोग महत्वपूर्ण रहा है। उनके बुनियादी ढांचे, शैक्षणिक वातावरण और अटूट समर्थन ने शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आदर्श वातावरण प्रदान किया है। हम मिलकर अपने विद्यालयों में रचनात्मकता और समस्या-समाधान की संस्कृति की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।”

आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो कमल किशोर पंत ने कहा, “आईआईटी रुड़की शिक्षा एवं अनुसंधान में उत्कृष्टता का प्रतीक बनने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कार्यशाला की मेजबानी करके, हम न केवल शिक्षकों के व्यावसायिक विकास का समर्थन कर रहे हैं, बल्कि पूरे भारत में स्टेम शिक्षा को बढ़ावा देने के अपने मिशन को भी मजबूत कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य शिक्षकों को नवाचार के साथ नेतृत्व करने और अपने छात्रों को रचनात्मक और आलोचनात्मक रूप से सोचने के लिए प्रेरित करने के लिए सशक्त बनाना है।”

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