Abhay Pratap Singh | March 7, 2024 | 04:37 PM IST | 1 min read
एपीपीएससी ने कहा कि आरटीआई से प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि 29 जनवरी 2024 तक केवल तीन विभागों में महिला ओबीसी और दो में महिला एससी फैकल्टी तैनात हैं।
नई दिल्ली: अंबेडकर पेरियार फुले स्टडी सर्कल (एपीपीएसी) ने आरटीआई के हवाले से बताया कि आईआईटी खड़कपुर के 43 विभागों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग की फैकल्टी नहीं है। इसके अलावा वर्तमान में 32 विभागों में एससी संकाय (फैकल्टी) और 23 विभागों में ओबीसी फैकल्टी की तैनाती नहीं की गई।
बताया गया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर ने वर्ष 2023 में आरक्षित श्रेणियों से किसी भी महिला फैकल्टी की भर्ती नहीं की। वहीं, पीएचडी प्रवेश में भी एसटी, एससी और ओबीसी कैटेगरी के उम्मीदवारों को 34 सीटें देने से इनकार कर दिया गया था। आईआईटी खड़गपुर में सामान्य वर्ग के 683, ओबीसी के 40, एससी के 17 और एसटी के 2 फैकल्टी मेंबर हैं।
आईआईटी खड़गपुर द्वारा प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि 29 जनवरी 2024 तक केवल तीन विभागों में महिला ओबीसी संकाय और दो विभागों में महिला एससी फैकल्टी हैं। पुरुष संकाय के मामले में केवल दो विभागों में एसटी फैकल्टी हैं। इसके अलावा 20 विभागों में एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों से एक भी पुरुष फैकल्टी की तैनाती नहीं की गई है।
एपीपीएससी ने सोशल साइट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि, “संकायों में प्रतिनिधित्व की कमी आरक्षण के उल्लंघन, हाशिए पर रहने वाले समुदायों के छात्रों के लिए समर्थन की कमी और उन्हें रोजमर्रा के उत्पीड़न और भेदभाव का सामना करने के लिए जिम्मेदार है, जो अक्सर आत्महत्या का कारण बनता है। यह उन पर संस्थागत हिंसा है।”
एपीपीएससी ने फैकल्टी भर्ती और पीएचडी प्रवेश में आरक्षण मानदंडों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि आरटीआई से पता चला कि पिछले साल 23 विभागों में एससी, एसटी, ओबीसी संकाय सदस्यों की कमी थी। इसके अलावा 2023 में आईआईटी केजीपी में कोई एसटी फैकल्टी की भर्ती नहीं की गई।