IIT Delhi: आईआईटी दिल्ली ने हेल्थकेयर में एआई एग्जिक्यूटिव कार्यक्रम शुरू किया, कोर्स अवधि जानें

वर्ल्ड इकोनॉमिक्स फोरम का अनुमान है कि एआई बेहतर परिणामों और दक्षता के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा में सालाना 150 बिलियन डॉलर से अधिक जोड़ सकता है। मैकिन्से का अनुमान है कि डेटा-संचालित स्वास्थ्य सेवा हर साल वैश्विक मूल्य में 1 ट्रिलियन डॉलर का लाभ कमा सकती है।

यह कोर्स वीकेंड पर लाइव, इंटरैक्टिव ऑनलाइन सत्रों के माध्यम से दिया जाएगा। (आधिकारिक वेबसाइट)
यह कोर्स वीकेंड पर लाइव, इंटरैक्टिव ऑनलाइन सत्रों के माध्यम से दिया जाएगा। (आधिकारिक वेबसाइट)

Saurabh Pandey | July 7, 2025 | 01:37 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आईआईटी दिल्ली) ने अपने सतत शिक्षा कार्यक्रम (CEP) के तहत हेल्थकेयर में एआई एग्जिक्यूटिव कार्यक्रम शुरू किया है। चिकित्सकों, इंजीनियरों, डेटा पेशेवरों और मेड-टेक उद्यमियों के लिए डिजाइन किया गया यह 24-सप्ताह का कार्यक्रम प्रतिभागियों को पेशेंट केयर, डायग्नोस्टिक, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल संचालन में इनोवेशन को आगे बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है।

यह कोर्स वीकेंड पर लाइव, इंटरैक्टिव ऑनलाइन सत्रों के माध्यम से दिया जाएगा, जिससे वर्किंग प्रोफेशनल्स इसमें तालमेल बैठा सकेंगे। प्रतिभागी पाठ्यक्रम सत्रों में उद्योग विशेषज्ञों, मेड-टेक संस्थापकों और अस्पताल के सीआईओ के साथ जुड़ेंगे। आईआईटी दिल्ली ने टीमलीज एडटेक के साथ अपने प्रौद्योगिकी और छात्र सफलता भागीदार के रूप में भागीदारी की है

ऑनलाइन कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवा के लिए एआई में एक मजबूत शैक्षणिक और व्यावहारिक आधार प्रदान करता है। प्रतिभागियों को क्लीनिकल डेटासेट के साथ व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होता है, अस्पताल डेटा सिस्टम का पता लगाते हैं, और डायग्नोस्टिक, रिस्क स्कोरिंग, इमेजिंग और प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स के लिए एआई मॉडल बनाना सीखते हैं।

स्वास्थ्य सेवा में एआई

वर्ल्ड इकोनॉमिक्स फोरम का अनुमान है कि एआई बेहतर परिणामों और दक्षता के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा में सालाना 150 बिलियन डॉलर से अधिक जोड़ सकता है। मैकिन्से का अनुमान है कि डेटा-संचालित स्वास्थ्य सेवा हर साल वैश्विक मूल्य में 1 ट्रिलियन डॉलर का लाभ कमा सकती है। भारत में, नीति आयोग और EY ने अनुमान लगाया है कि एआई डायग्नोस्टिक्स और रिमोट केयर द्वारा संचालित डिजिटल हेल्थकेयर बाजार 2030 तक 37 बिलियन डॉलर से अधिक हो जाएगा।

अगली पीढ़ी की क्षमताओं का निर्माण करना लक्ष्य

आईआईटी दिल्ली में सीईपी के प्रमुख प्रोफेसर मानव भटनागर ने कहा कि आईआईटी दिल्ली के सीईपी में हमारा मिशन अगली पीढ़ी की क्षमताओं का निर्माण करना है जो भारत और दुनिया की उभरती हुई स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं का जवाब दे सकें। एआई अब वैकल्पिक नहीं है - यह आधुनिक चिकित्सा का केंद्र है। यह नया कार्यक्रम प्रोफेशनल्स को उस परिवर्तन का नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाता है।

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टीमलीज एडटेक के संस्थापक और सीईओ शांतनु रूज ने कहा कि आईआईटी दिल्ली के साथ हमारा सहयोग स्वास्थ्य सेवा इनोवेशन के केंद्र में रहने वालों के लिए एक शक्तिशाली एआई पाठ्यक्रम लाता है। यह कार्यक्रम प्रोफेशनलेस को क्लीनिकल नॉलेज और डेटा इंटेलिजेंस के बीच की खाई को पाटने के लिए तैयार करेगा, जिससे जीवन को प्रभावित करने वाले समाधान तैयार होंगे।

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