भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के साथ मिलकर इस साझेदारी का उद्देश्य चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना और आयात पर निर्भरता कम करना है।
Abhay Pratap Singh | January 30, 2025 | 08:44 AM IST
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी (IIT Guwahati) ने एडवांस आर्थोपेडिक प्रत्यारोपण और उपकरणों के नवीन अनुसंधान, विकास और परीक्षण पर सहयोग करने के लिए मिराक्लस ऑर्थोटेक के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का लक्ष्य चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में महत्वपूर्ण चुनौतियों और मरीज की देखभाल में सुधार के लिए उच्च गुणवत्ता वाले कुशल समाधान प्रदान करना है।
भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के साथ मिलकर इस साझेदारी का उद्देश्य चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना, आयात पर निर्भरता कम करना और उच्च गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य सेवा समाधानों तक पहुंच बढ़ाना है। इस समझौता ज्ञापन पर आईआईटी गुवाहाटी के अनुसंधान एवं विकास के डीन प्रोफेसर रोहित सिन्हा और मिराक्लस ऑर्थोटेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रणव ठाकेर ने हस्ताक्षर किए।
आईआईटी गुवाहाटी मिराक्लस के साथ मिलकर आर्थोपेडिक प्रत्यारोपण और उपकरणों के लिए एडवांस प्रोटोटाइपिंग और परीक्षण उपकरणों से सुसज्जित एक सुविधा स्थापित करने की योजना बना रहा है। यह साझेदारी अंतःविषय अनुसंधान के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगी, जो बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, मैटेरियल साइंस और क्लीनिकल प्रैक्टिस के विशेषज्ञों को एक साथ लाएगी।
Also readIIT Guwahati के शोधकर्ताओं ने स्तन कैंसर के इलाज के लिए इंजेक्टेबल हाइड्रोजेल विकसित किया
आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक प्रो देवेन्द्र जलिहाल ने कहा, “आईआईटी गुवाहाटी में हम समाज के लाभ के लिए तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित हैं। मिराक्लस ऑर्थोटेक के साथ हमारा सहयोग अनुसंधान को व्यावहारिक नवाचारों में बदलने की दिशा में एक कदम है जो स्वास्थ्य सेवा परिणामों को बढ़ाता है। साथ मिलकर, हम चिकित्सा उपकरण प्रौद्योगिकी में नए मानक स्थापित करने की आकांक्षा रखते हैं।”
मिराक्लस ऑर्थोटेक के प्रबंध निदेशक प्रणव ठाकेर ने कहा, “आईआईटी गुवाहाटी लगातार तकनीकी नवाचार में सबसे आगे रहा है। उनकी अकादमिक उत्कृष्टता को हमारे उद्योग विशेषज्ञता के साथ मिलाकर, इस साझेदारी का उद्देश्य ऑर्थोपेडिक क्षेत्र को प्रभावशाली समाधान प्रदान करना है। हम इस सहयोग से ऑर्थोपेडिक सेक्टर में मिराक्लस की स्थिति को और मजबूत करेंगे।”