हिमाचल प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रों के साथ रैगिंग, चार सीनियर ट्रेनी डॉक्टर निष्कासित

प्रिंसिपल ने कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर, कॉलेज प्रबंधन ने दो वरिष्ठ प्रशिक्षु डॉक्टरों को एक-एक साल के लिए निष्कासित कर दिया है।

एंटी-रैगिंग कमेटी की जांच में दोषी पाए चारों ट्रेनी डॉक्टर। (प्रतीकात्मक-पिक्सल्स)

Saurabh Pandey | June 12, 2024 | 10:44 AM IST

नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में एक सरकारी कॉलेज के कुछ एमबीबीएस छात्रों के साथ उनके सीनियर्स ने कथित तौर पर रैगिंग, दुर्व्यवहार और मारपीट की, जिसके बाद चार सीनियर ट्रेनी डॉक्टरों को मेडिकल कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया।

टांडा मेडिकल कॉलेज (टीएमसी) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 5 जून की शाम को सीनियर छात्रों ने जूनियर ट्रेनी एमबीबीएस डॉक्टरों को बॉयज हॉस्टल के कमरा नंबर 108 में बुलाया और बाद में उनके साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की।

एंटी-रैगिंग कमेटी की जांच में पाए गए दोषी

जूनियर छात्रों ने नेशनल मेडिकल कमीशन में इसकी शिकायत दर्ज कराई। टीएमसी प्रिंसिपल डॉ. मिलाप शर्मा ने कहा कि कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी द्वारा की गई जांच में 2019 और 2022 बैच के चार वरिष्ठ प्रशिक्षु डॉक्टरों अरुण सूद, सिद्धांत यादव, राघवेंद्र भारद्वाज और भवानी शंकर को दोषी पाया गया।

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चारों सीनियर ट्रेनी डॉक्टरों पर कार्रवाई

प्रिंसिपल ने कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर, कॉलेज प्रबंधन ने दो सीनियर ट्रेनी डॉक्टरों को एक-एक साल के लिए निष्कासित कर दिया है और उन पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जबकि अन्य दो को छह महीने के लिए निष्कासित कर दिया है और प्रत्येक पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। बयान के मुताबिक, जुर्माना सात दिनों के भीतर चुकाना होगा।

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