Press Trust of India | August 31, 2025 | 03:34 PM IST | 1 min read
अधिकारियों ने आगे बताया कि म्यांमा के संबंधित अधिकारियों ने सचिन कुमार को मुक्त करा भारतीय दूतावास को सौंप दिया।
पटना: बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले बीटेक स्नातक युवक को म्यांमा में फर्जी नौकरी गिरोह के कब्जे से मुक्त करा लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि गिरोह ने युवक को कथित तौर पर दो महीने से अधिक समय तक बंधक बनाकर रखा था।
अधिकारियों ने आगे बताया कि म्यांमा के संबंधित अधिकारियों ने सचिन कुमार को मुक्त करा भारतीय दूतावास को सौंप दिया। पीड़ित सचिन कुमार 29 अगस्त, 2025 को कोलकाता के रास्ते पटना पहुंचे हैं।
पटना नगर (पश्चिम) के पुलिस अधीक्षक भानु प्रताप सिंह ने बताया, ‘‘उसे एक नेपाली एजेंट ने म्यांमा में अधिक वेतन वाली नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। एजेंट ने उसे टूरिस्ट वीजा पर म्यांमा भेजा। जून के अंत में जब वह म्यांमा पहुंचा, तो उसे बंधक बना लिया गया।’’
पुलिस अधीक्षक भानु प्रताप सिंह के अनुसार, अपहरणकर्ताओं ने सचिन कुमार को साइबर अपराध में संलिप्त होने के लिए मजबूर करने की कोशिश की। उन्होंने ने बताया कि दानापुर में उसके परिवार के सदस्यों से भी संपर्क किया गया और उसकी रिहाई के लिए फिरौती की रकम मांगी गई।
पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एक विशेष जांच दल गठित किया गया तथा राजनयिक माध्यमों से म्यांमा के अधिकारियों से संपर्क किया गया।
नीट-2025 में 523 अंक और अखिल भारतीय रैंक 29,061 प्राप्त करने वाली याचिकाकर्ता ने दलील दी कि 2010 और 2015 के बीच जारी किए गए कई सरकारी आदेशों ने आरक्षण की सीमा को गैरकानूनी रूप से बढ़ा दिया।
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