Saurabh Pandey | December 5, 2025 | 01:52 PM IST | 2 mins read
बीपीएससी ने आवेदकों की बड़ी संख्या को देखते हुए सहायक शिक्षा विकास अधिकारी (एईडीओ) प्रतियोगी परीक्षा तीन चरणों में आयोजित करने का निर्णय लिया है। आयोग ने बताया कि अंकों का संतुलन सुनिश्चित करने के लिए सभी चरणों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन इक्विपरसेंटाइल इक्वेटिंग तकनीक के आधार पर किया जाएगा।

नई दिल्ली : बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने सहायक शिक्षा विकास अधिकारी (एईडीओ) भर्ती परीक्षा को लिए आवेदन विंडो दोबारा खोल दी है। इच्छुक और पात्र उम्मीदवार जो पहले से जारी समय सीमा तक आवेदन करने से चूक गए थे, उनके पास एक और मौका है।
बीपीएससी एईडीओ भर्ती के लिए आवेदन विंडो 5 से 12 दिसंबर तक सक्रिय रहेगी। इस दौरान उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bihar.gov.in के माध्यम ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
बीपीएससी एईडीओ भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की आयु की गणना 1 अगस्त, 2025 के आधार पर की जाएगी। न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष, अनारक्षित पुरुष उम्मीदवारों के लिए 37 वर्ष, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और अनारक्षित महिला उम्मीदवारों के लिए 40 वर्ष और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के पुरुष एवं महिला उम्मीदवारों के लिए 42 वर्ष निर्धारित है।
आवेदन करने के लिए, उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री या समकक्ष योग्यता होनी चाहिए।
बीपीएससी ने आवेदकों की बड़ी संख्या को देखते हुए सहायक शिक्षा विकास अधिकारी (एईडीओ) प्रतियोगी परीक्षा तीन चरणों में आयोजित करने का निर्णय लिया है। आयोग ने बताया कि अंकों का संतुलन सुनिश्चित करने के लिए सभी चरणों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन इक्विपरसेंटाइल इक्वेटिंग तकनीक के आधार पर किया जाएगा।
बीपीएससी सहायक शिक्षा विकास अधिकारी (एईडीओ) प्रतियोगी परीक्षाएं 10, 11, 12, 13, 15 और 16 जनवरी 2026 को आयोजित की जाएंगी।
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इस भर्ती अभियान में 9.7 लाख से ज़्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो बीपीएससी के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। कुल रिक्तियों की संख्या 935 है, जिनमें से 374 पद अनारक्षित उम्मीदवारों के लिए, 93 आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिए, 150 अनुसूचित जातियों के लिए, 10 अनुसूचित जनजातियों के लिए, 168 अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए, 112 पिछड़े वर्गों के लिए और 28 पिछड़े वर्गों की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।