शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संस्थागत विकास योजना पर एक दिवसीय यूजीसी कार्यशाला का किया उद्घाटन
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि देश के उच्च शिक्षा संस्थान एनईपी 2020 के मूल मूल्यों और भावना को अपनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
Saurabh Pandey | September 4, 2024 | 06:40 PM IST
नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए संस्थागत विकास योजना पर यूजीसी की एकदिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। उन्होंने सभी यूजीसी नियमों के एकल, सुलभ और विश्वसनीय स्रोत के रूप में यूजीसी विनियमों का संकलन (1957-2023) भी जारी किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के लिए सशक्त बनाना है।
नई दिल्ली में संस्थागत विकास योजना पर यूजीसी कार्यशाला में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, भारत के उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति, यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार और एनसीवीईटी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एन.एस. कलसी और देशभर के 200 उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुख भी इस एक दिवसीय कार्यशाला में मौजूद रहे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र ने बताया कि आने वाले भविष्य में हमें मौजूदा कम से कम 5000 शैक्षणिक संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस केंद्रों में अपग्रेड करने की जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री प्रधान ने यह भी कहा कि शिक्षा भारत को उपभोग वाली अर्थव्यवस्था से उत्पादक अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रेरित करेगी। संस्थागत विकास योजना को हमारी विशाल जनसांख्यिकी की दक्षताओं को बढ़ाने, शिक्षार्थी-केंद्रित और बहु-विषयक शिक्षा की सुविधा प्रदान करने, उच्च शिक्षा में भारतीय भाषा को एकीकृत करने, नवाचार, उद्यमशीलता और नौकरी-सृजन को प्राथमिकता देने, शिक्षकों की क्षमता निर्माण और वैश्विक लक्ष्य हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
यूजीसी कार्यशाला की प्रासंगिकता और महत्व पर बोलते हुए उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति ने उस योजना के बारे में विस्तार से बताया जो शिक्षा मंत्रालय ने अगले पच्चीस वर्षों के दृष्टिकोण के साथ सामाजिक समूह के हिस्से के रूप में प्रधान मंत्री को प्रस्तुत की थी। उन्होंने कहा कि आईडीपी की शुरूआत से संस्थानों को दुनिया के विश्वविद्यालयों के बराबर होने में भी मदद मिलेगी।
UGC Compendium: क्या है?
यूजीसी सार-संग्रह में 15 नियम, 87 विनियम और 28 अधिसूचनाएं शामिल हैं। 1100 से अधिक पृष्ठों वाला यह संकलन यूजीसी की वेबसाइट पर पीडीएफ और ई-बुक के रूप में उपलब्ध है। यह सार-संग्रह सभी विनियामक आवश्यकताओं के लिए वन-स्टॉप संदर्भ प्रदान करता है। जिससे यह सुनिश्चित होता है कि संस्थान आसानी से यूजीसी दिशानिर्देशों तक पहुंच सकते हैं और उनका अनुपालन कर सकते हैं।
IDP क्या है?
संस्थागत विकास योजना (आईडीपी) दिशानिर्देश 6 फरवरी 2024 को यूजीसी द्वारा लॉन्च किए गए थे। आईडीपी दिशानिर्देश संस्थानों को बोर्ड के सदस्यों, संस्थागत लीडर, संकाय, छात्रों और कर्मचारियों की संयुक्त भागीदारी के साथ एक रणनीतिक संस्थागत विकास योजना बनाने में मदद करेंगे, जिसके आधार पर संस्थान विकसित होंगे।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- FMS MBA Admission 2025: एफएमएस दिल्ली में कैट स्कोर से मिलेगा एडमिशन; आवेदन जारी, जानें शुल्क, कोर्स, कटऑफ
- B.Tech Courses in Demand: बीटेक के इन कोर्सेस की है डिमांड, जानें फीस, पात्रता मानदंड, करियर के अवसर
- NEET PG Seat Matrix 2024: नीट पीजी सीट मैट्रिक्स; भारत में शीर्ष कॉलेजों और राज्यवार मेडिकल सीटों का विवरण
- CV Raman Birthday: नोबेल पुरस्कार जीतने वाले एशिया के पहले वैज्ञानिक सी वी रमन का जन्मदिन आज
- Gargi Puraskar Yojana: गार्गी पुरस्कार योजना क्या है? कितनी मिलती है राशि? आवेदन जारी, जानें पात्रता, शुल्क
- JEE Main 2025: जेईई मेन मानदंड में बदलाव की अटकलें; 75% क्राइटेरिया को लेकर संशय में अभ्यर्थी, जानें डिटेल
- Law Entrance Tests 2025: क्लैट, आईलेट, स्लैट प्रवेश परीक्षाओं में क्या है अंतर? जानें पात्रता मानदंड
- CAT 2024: कौन से एमबीए कॉलेज देते हैं करोड़ों का प्लेसमेंट? जानें प्रवेश मानदंड और पिछले साल की कट-ऑफ
- NVS Admission: नवोदय विद्यालय में कैसे मिलता है दाखिला? पात्रता, शुल्क, आरक्षण सहित अन्य विवरण जानें
- AIBE 19 Exam Date 2024: एआईबीई 19 परीक्षा 22 दिसंबर को; जानें महत्वपूर्ण टिप्स, टॉपिक, विषयवार वेटेज, सिलेबस