Press Trust of India | May 17, 2025 | 06:05 PM IST | 1 min read
इलाहाबाद एचसी ने एएमयू की कुलपति प्रो नईमा खातून की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए उनकी नियुक्ति को वैध बताया।
नई दिल्ली: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका यानी 17 मई, 2025 (शनिवार) को खारिज कर दी है। यह याचिका प्रोफेसर मुजाहिद बेग की ओर से दायर की गई थी।
प्रो बेग द्वारा दायर याचिका में एक विशेष उम्मीदवार का पक्ष लेने के लिए कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। इससे पहले 9 अप्रैल, 2025 को न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति डी रमेश की पीठ ने याचिकाकर्ता, विश्वविद्यालय तथा केंद्र सरकार के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिकाकर्ता ने यह कहते हुए कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज की पत्नी प्रोफेसर नाईमा खातून का कुलपति के पद पर चयन करने के लिए नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
आगे कहा गया कि, याचिका के मुताबिक कार्यवाहक कुलपति चयन प्रक्रिया की अध्यक्षता कर रहे हैं और उनकी पत्नी कुलपति पद के लिए दावेदार हैं। बता दें, इलाहाबाद एचसी ने सुनवाई करते हुए एएमयू की पहली महिला कुलपति प्रो नईमा खातून की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए उनकी नियुक्ति को वैध बताया।