Abhay Pratap Singh | October 16, 2025 | 11:45 AM IST | 2 mins read
डॉ अंबेडकर पीठ योजना का उद्देश्य देशभर के विश्वविद्यालयों में बाबासाहेब के विचारों, सिद्धांतों और कार्यों पर गहन और सार्थक अध्ययन को बढ़ावा देना है।
नई दिल्ली: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की डॉ अंबेडकर फाउंडेशन ने तीन विश्वविद्यालयों मुंबई विश्वविद्यालय, जयपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय और जीबी पंत तकनीकी एवं कृषि विश्वविद्यालय में तीन नई डॉ अंबेडकर पीठों की स्थापना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह 15 अक्टूबर को डॉ अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र (DAIC), नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, नए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर के साथ वर्तमान नेटवर्क में तीन और डॉ अंबेडकर पीठें जुड़ गई हैं, जिससे इस योजना के तहत कार्यरत पीठों की संख्या 28 हो गई है। भाग लेने वाले विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने मंत्रालय का धन्यवाद किया और अनुसंधान एवं आउटरीच गतिविधियों के माध्यम से योजना के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया।
प्रेस रिलीज में कहा गया, “डॉ अंबेडकर फाउंडेशन ने इस पहल का विस्तार जारी रखने के अपने संकल्प की पुष्टि की, ताकि देशभर के शैक्षणिक संस्थान डॉ अंबेडकर के जीवन और दर्शन से प्रेरित होकर अनुसंधान, नीति निर्माण और सार्वजनिक शिक्षा में उत्कृष्टता के केंद्र बन सकें।” केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
मंत्री वीरेंद्र कुमार ने डॉ अंबेडकर फाउंडेशन के शैक्षणिक और शोध प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ये कार्यक्रम भारत रत्न डॉ बीआर अंबेडकर की विचारधारा और दृष्टिकोण के प्रसार में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और संस्थागत सहयोग डॉ अंबेडकर की परिकल्पना के अनुसार समतामूलक और समावेशी समाज के निर्माण के सबसे सशक्त साधन हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, “नव स्थापित पीठें सामाजिक न्याय, समानता, वंचित समुदायों के सशक्तिकरण और संवैधानिक मूल्यों से संबंधित विषयों पर नीति-उन्मुख अनुसंधान, जन जागरूकता और अकादमिक विमर्श में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।” हस्ताक्षर समारोह में डॉ अंबेडकर फाउंडेशन के प्रतिनिधि और प्रतिभागी विश्वविद्यालयों के कुलपति भी उपस्थित रहें। डॉ अंबेडकर पीठ योजना का उद्देश्य देशभर के विश्वविद्यालयों में बाबासाहेब के विचारों, सिद्धांतों और कार्यों पर अध्ययन को बढ़ावा देना है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव अमित यादव ने अपने संबोधन में डॉ अंबेडकर के दर्शन और उनकी समकालीन प्रासंगिकता पर बहु-विषयक शोध को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालयों की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने ‘अंबेडकरवादी’ विचारधारा पर शैक्षणिक जुड़ाव को मजबूत करने में फाउंडेशन और विश्वविद्यालयों के सहयोग की सराहना की।”