शिक्षा मंत्रालय ने बोर्ड परीक्षाओं के दौरान स्कूलों में मेंसट्रुअल हाइजीन पर जारी की एडवाइजरी

मेंसट्रुअल हाइजीन मैनेजमेंट एक लड़की के समग्र कल्याण का एक महत्वपूर्ण पहलू है और इसे उसके शैक्षणिक प्रदर्शन के रास्ते में नहीं आना चाहिए।

स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग महिला सशक्तिकरण पर जोर देता है। (सोर्स @EduMinOfIndia)

Saurabh Pandey | June 13, 2024 | 05:47 PM IST

नई दिल्ली : शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छात्राओं के स्वास्थ्य, सम्मान और शैक्षणिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय उपायों को लेकर एक घोषणा की है।

परीक्षाओं के दौरान सैनिटरी उत्पादों और मासिक धर्म स्वच्छता सुविधाओं तक सीमित पहुंच के कारण लड़कियों के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करते हुए, डीओएसईएल ने राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के सभी स्कूलों, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।

मेंसट्रुअल हाइजीन मैनेजमेंट एक लड़की के समग्र कल्याण का एक महत्वपूर्ण पहलू है और इसे उसके शैक्षणिक प्रदर्शन के रास्ते में नहीं आना चाहिए। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छात्राओं की सहायता के लिए स्कूल में मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन को प्राथमिकता देता है।

शिक्षा मंत्रालय की प्रमुख पहलों में शामिल हैं-

सेनेटरी उत्पादों का प्रावधान - सभी 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा केंद्रों पर मुफ्त सेनेटरी पैड आसानी से उपलब्ध होंगे, ताकि आवश्यकता पड़ने पर परीक्षा के दौरान लड़कियां इसका इस्तेमाल आसानी से कर सकें।

टॉयलेट ब्रेक - छात्राओं को मासिक धर्म के दौरान असुविधा को कम करने और परीक्षा के दौरान फोकस को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक टॉयलेट ब्रेक लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।

जागरूकता कार्यक्रम - छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों/एबी द्वारा शैक्षिक कार्यक्रम लागू किए जाएंगे। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य अधिक समझ वाले स्कूल के माहौल को बढ़ावा देना है।

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परीक्षाओं के दौरान मासिक धर्म स्वच्छता संबंधी चिंताओं को संबोधित करके, DoSEL एक ही समय में महिला छात्रों के साथ उनकी मासिक धर्म संबंधी जरूरतों के संबंध में गरिमा और सम्मान के साथ व्यवहार करने के महत्व पर जोर देता है, जिससे लड़कियों को परीक्षाओं में आत्मविश्वास से भाग लेने और अपनी शैक्षणिक क्षमता हासिल करने के लिए सशक्त बनाया जाता है।

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