Delhi University: 12वीं के अंकों के आधार पर भरी जाएंगी DU की खाली सीटें, कुलपति का बयान
Santosh Kumar | August 2, 2024 | 10:44 AM IST | 2 mins read
कुलपति योगेश सिंह ने कहा कि डीयू रिक्त सीटों को भरने के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं करेगा, लेकिन यह सुनिश्चित करेगा कि सभी सीटें भरी जाएं।
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह ने गुरुवार (1 अगस्त) को कहा कि डीयू नियमित प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद शेष खाली सीटों को भरने के लिए कक्षा 12 के अंकों का उपयोग करेगा। कुलपति की यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब यूजीसी ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों में सभी सीटें भरी जाएं।
यूजीसी ने कहा कि पूरे शैक्षणिक वर्ष के लिए सीटें खाली रखना न केवल संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि इससे कई छात्रों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा से वंचित होना पड़ता है। निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए कुलपति ने एएनआई से कहा, "हम यूजीसी के निर्देश का स्वागत करते हैं। हम इस बात को लेकर समान रूप से संवेदनशील हैं कि किसी भी पाठ्यक्रम में सीटें खाली नहीं रहनी चाहिए। हम यूजी कार्यक्रमों में खाली सीटों को भरने के लिए कक्षा 12वीं के अंकों का उपयोग करेंगे।"
बता दें कि पिछले साल डीयू में लगभग 5000 सीटें खाली रह गई थीं, हालांकि विश्वविद्यालय ने सभी सीटों को भरने के लिए कई प्रयास किए थे। अब, यूजीसी द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, यदि नियमित प्रवेश प्रक्रिया के बाद सीटें खाली रहती हैं तो विश्वविद्यालय स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों के लिए अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकते हैं।
Also read यूजीसी का ऐलान, सीयूईटी के बाद खाली सीटों के लिए विश्वविद्यालय कर सकेंगे प्रवेश परीक्षा का आयोजन
परीक्षा कराने पर कुलपति का बयान
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह ने कहा कि डीयू रिक्त सीटों को भरने के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं करेगा, लेकिन यह सुनिश्चित करेगा कि सभी सीटें भरी जाएं। बता दें कि शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए प्रवेश प्रक्रिया चल रही है।
डीयू 65 से अधिक कॉलेजों में सीयूईटी यूजी के माध्यम से 71,000 से अधिक सीटें पेश कर रहा है। विश्वविद्यालय की वर्तमान प्रवेश प्रक्रिया 28 मई को पहले चरण के साथ शुरू हुई, जिसमें लगभग 2,70,000 छात्रों ने कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (CSAS) पोर्टल पर पंजीकरण कराया।
हालांकि, सीयूईटी यूजी 2024 परिणाम स्थगित होने के कारण प्रवेश प्रक्रिया के दूसरे चरण की शुरुआत में देरी हुई है। यूजीसी ने दिशानिर्देशों में कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में छात्रों को प्रवेश देने के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के अंक प्राथमिक मानदंड बने रहेंगे।
हालांकि, जो छात्र सीयूईटी में शामिल हुए हैं, लेकिन उन्होंने पहले संबंधित विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रमों या कार्यक्रमों के लिए आवेदन किया हो या नहीं किया हो, उन पर भी विचार किया जा सकता है। यूजीसी एसओपी के अनुसार, विश्वविद्यालय किसी विशेष पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए विषय-विशिष्ट मानदंडों में ढील दे सकते हैं।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज
- Nobel Prize in Physics 2025: जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को मिला भौतिकी का नोबेल प्राइज
- CAT 2025: कैट परीक्षा 30 नवंबर को 3 पाली में; 2 महीने में कैसे करें तैयारी? जानें एग्जाम पैटर्न, चयन प्रक्रिया
- UP News: यूपी में वजीफा से वंचित 5 लाख से अधिक छात्रों को दिवाली से पहले मिलेगी छात्रवृत्ति, सीएम योगी ने कहा
- NIRF Ranking 2025: यूनिवर्सिटी श्रेणी में डीयू 5वें स्थान पर, टॉप 20 में दिल्ली विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज
- NIRF MBA Ranking 2025: आईआईएम अहमदाबाद शीर्ष पर बरकरार, आईआईएम लखनऊ की टॉप 5 में वापसी, देखें लिस्ट