आयोग ने कहा है कि उसे छात्रों, उनके अभिभावकों और अन्य लोगों से शैक्षणिक और प्रशिक्षण संबंधी मुद्दों पर बार-बार शिकायतें मिल रही हैं।
Santosh Kumar | July 11, 2025 | 02:34 PM IST
नई दिल्ली: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने मेडिकल छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए देश भर में त्रि-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने की सिफारिश की है। आयोग ने कहा है कि उसे छात्रों, उनके अभिभावकों और अन्य लोगों से शैक्षणिक और प्रशिक्षण संबंधी मुद्दों पर बार-बार शिकायतें मिल रही हैं।
एनएमसी के अनुसार, ये शिकायतें मेडिकल कॉलेजों में अधिक फीस वसूलने, छात्रवृत्ति न देने या देने में देरी, रैगिंग, उत्पीड़न, इंटर्नशिप से जुड़ी समस्याओं, कॉलेज स्टाफ के व्यवहार, अनुशासन, स्वास्थ्य सुरक्षा, पाठ्यक्रम, उपस्थिति, शिक्षण पद्धति, परीक्षा और मूल्यांकन जैसे मुद्दों से जुड़ी हैं।
एनएमसी ने कहा कि अधिकतर शिकायतों का समाधान कॉलेज या विश्वविद्यालय स्तर पर हो सकता है। यदि फिर भी समाधान नहीं होता है तो संबंधित राज्य के निदेशालय या चिकित्सा शिक्षा विभाग के हस्तक्षेप से उनका निवारण किया जा सकता है।
अपने परामर्श में, एनएमसी ने कहा है कि यदि किसी शिकायत पर आयोग स्तर पर कार्रवाई की आवश्यकता है, तो उसे समाधान के लिए एनएमसी को भेजा जा सकता है। एनएमसी ने त्रि-स्तरीय तंत्र स्थापित करने का आह्वान किया है।
जिसके अनुसार सबसे पहले मेडिकल कॉलेज या संस्थान में शिकायत दर्ज की जानी चाहिए। फिर शिकायतकर्ता विश्वविद्यालय और अंत में चिकित्सा शिक्षा निदेशालय या राज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से संपर्क कर सकता है।
आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, एनएमसी में छात्रों/हितधारकों द्वारा अनसुलझे शिकायतों को दर्ज कराने के लिए शिकायत पोर्टल nmc.org.in/ActivitiWebClient/open/initiateComplaint को सक्रिय कर दिया है।