BHU New VC: आईआईटी कानपुर के प्रो अजीत कुमार चतुर्वेदी को बीएचयू का नया कुलपति नियुक्त किया गया
Abhay Pratap Singh | August 1, 2025 | 06:45 PM IST | 2 mins read
भारत की राष्ट्रपति ने आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी को तीन साल के कार्यकाल के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का अगला कुलपति नियुक्त किया है।
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IIT Kanpur) के प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) का नया कुलपति नियुक्त किया गया है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा बीएचयू रजिस्ट्रार को भेजे गए एक आधिकारिक पत्र में यह घोषणा की गई है।
पत्र के अनुसार, “भारत की राष्ट्रपति, बीएचयू के विजिटर के रूप में प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी (आईआईटी कानपुर) को विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त करती हैं। उनका कार्यकाल कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक (जो भी पहले हो) रहेगा।”
प्रोफेसर सुधीर के जैन का कार्यकाल पूरा होने के बाद इस वर्ष जनवरी 2025 में बीएचयू के रेक्टर प्रोफेसर संजय कुमार ने कार्यवाहक कुलपति का कार्यभार संभाला था।
बता दें, शिक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए राष्ट्रपति, विजिटर के रूप में चयन समितियों द्वारा अनुशंसित नामों में से कुलपतियों की नियुक्ति करते हैं। प्रो अजीत कुमार चतुर्वेदी बीएचयू के 29वें कुलपति नियुक्त किए गए हैं।
प्रोफेसर चतुर्वेदी ने आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक, एमटेक और पीएचडी की पढ़ाई पूरी की है। उनका शोध संचार प्रणालियों और वायरलेस संचार पर केंद्रित है। आईआईटी कानपुर में प्रो अजीत कुमार ने अनुसंधान एवं विकास के डीन और उप निदेशक के पदों पर भी कार्य किया है।
उन्होंने आईआईटी कानपुर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग का नेतृत्व किया है। प्रो चतुर्वेदी आईआईटी रुड़की (2017-2022) के निदेशक, भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान, शिमला (जनवरी 2017-अगस्त 2018) के निदेशक और आईआईटी मंडी (जुलाई 2020-जनवरी 2022) के निदेशक रह चुके हैं।
प्रो अजीत कुमार चतुर्वेदी दूरसंचार विभाग की उस समिति के सदस्य भी थे, जिसने 2008 में दूरसंचार ऑपरेटरों को स्पेक्ट्रम आवंटन के मानदंडों की सिफारिश की थी।
प्रोफेसर चतुर्वेदी 1994 से 1996 तक इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-बीएचयू (अब आईआईटी-बीएचयू) के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग में अपना शैक्षणिक करियर शुरू किया था। इसके बाद वे आईआईटी रुड़की चले गए और बाद में 1999 में आईआईटी कानपुर में शामिल हो गए।
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