Abhay Pratap Singh | August 5, 2025 | 06:30 PM IST | 3 mins read
मुख्यमंत्री ने कहा की भारत एक समय में अपनी शिक्षा के लिए जाना जाता था, हमारे विश्वविद्यालय विश्व के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में थे। हमारी शिक्षा में वो ग्रंथ, वो किताबें आज भी ब्रह्मांड का पूरा फिजिक्स, इकोनॉमिक्स सब कुछ लिए बैठी हैं।
नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सोशल सेंटर स्कूल के नए शैक्षणिक भवन का आज यानी 5 अगस्त को उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एक स्कूल जो दिल्ली विश्वविद्यालय ने बनाया और संभाला, वह स्कूल 1947 से लेकर 2025 तक आजादी की उम्र के बराबर बढ़ता गया।
इस अवसर पर दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे जबकि समारोह की अध्यक्षता डीयू कुलपति प्रो योगेश सिंह ने की। समारोह के दौरान घोंडा विधानसभा के विधायक अजय महावर, तिमारपुर विधानसभा के विधायक सूर्य प्रकाश खत्री, डीयू दक्षिणी दिल्ली परिसर की निदेशक प्रो. रजनी अब्बी एवं डीयू रजिस्ट्रार डॉ विकास गुप्ता बतौर विशेष अतिथि उपस्थित रहे।
स्कूल के भवन का उद्घाटन मौरिस नगर स्थित स्कूल परिसर में किया गया जबकि उद्घाटन समारोह सभा का आयोजन डीयू के वाइस रीगल लॉज स्थित कोन्वेंशन हाल में हुआ। समारोह को संबोधित करते हुए सीएम रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भी ढेरों कमियां देश में चल रही थी। बदलाव की कुछ कुछ बयार बहने लगी, थोड़ा-थोड़ा फर्क हमने 2014 के बाद से देखा, शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है, पर बहुत सारा काम होना अभी बाकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या हम डीयू के साथ मिलकर ऐसा सिस्टम तैयार कर सकते हैं कि शैक्षणिक ढांचा सरकार तैयार करे, पर उसके अंदर अकादमिक ढांचा तैयार करने में विश्वविद्यालय की सहभागिता हो। विशेष रूप से आज सरकारी स्कूल में जो बच्चे हैं और विश्वविद्यालय के जो विद्यार्थी हैं उन्हें हमें आपस में जोड़ना चाहिए। हर कॉलेज को दो या तीन स्कूलों से जोड़ा जाए और कोलेजों के विद्यार्थी साप्ताहिक या पाक्षिक तौर पर वहां जाएं और उस स्कूल में जाकर उन बच्चों को मोटिवेट भी करें व उनके साथ समय बिताएं तथा उनमें नई आशाएं जगाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति को चाहिए कि मेरे बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले। कॉलेज में एडमिशन लेने में सरकारी संस्थानों की इतनी अहमियत है कि लोग उसमें दाखिला लेना चाहते हैं। दूसरी ओर प्राइवेट सेक्टर के कॉलेज बाहें फैलाए बैठे रहते हैं कि आइये, आप बोलिए कि आपको कैसे एडमिशन देना है। यही शिक्षा का स्तर हमें प्राइमरी और सेकेंडरी में लेकर आना है। जब सरकार के पास लोग लाइन लगाकर कहें कि हमें कृपया सरकारी स्कूल में एडमिशन चाहिए। सरकारी स्कूल प्राथमिकता हो जाएं और प्राइवेट स्कूल दूसरी पसंद। जब सरकारी स्कूल में दाखिला ना मिले तब व्यक्ति प्राइवेट स्कूल की ओर जाए।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “भारत के बच्चे को आज भी यदि ईडब्ल्यूएस में एडमिशन हो जाए, किस कॉलेज में जाऊं, किस कोर्स में लूँ, मुझे नहीं मिल रहा एडमिशन, और बच्चों को धक्के खाने पड़ें, प्राइमरी से लेकर और पोस्ट ग्रेजुएशन तक, तो ये नहीं चलेगा; ऐसा हम सब लोग तय कर लें। जैसे मोदी जी ने अपनी सरकार के चलते तय किया कि सैंकड़ों कॉलेज, ढेरों यूनिवर्सिट्ज़ आईआईटी, आईआईएम, मेडिकल कॉलेज बनाए गए, हर तरीके से उन्होंने पूरे देश में शिक्षा जगत में अनेकों काम किए; ऐसे ही हम सबको मिलकर दिल्ली में एजुकेशन में प्राइमरी से पोस्टग्रेजुएशन तक हर जगह बहुत काम करने की आवश्यकता है।”
उद्घाटन समारोह के विशिष्ट अतिथि दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने अपने संबोधन में स्कूल के भवन को लेकर कहा कि मुझे इस शानदार इमारत में ईंट-पत्थर नहीं दिखते, बल्कि मुझे तो इसमें विकसित दिल्ली और विकसित भारत बनाने वाले जिम्मेवार नागरिक दिखते हैं। आने वाले समय में आपको इसमें अत्याधुनिक स्मार्ट क्लासरूम और मॉडर्न लैब मिलेगी।
डीयू कुलपति प्रो योगेश सिंह ने कहा दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व की बात है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और स्थानीय विधायक भी दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थी रहे हैं। कुलपति ने कहा कि आज देश प्रेम और राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण की आवश्यकता है। हमें ‘ये देश है मेरा’ के भाव पर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि आपको अच्छे बच्चे बनना है। आपको लेने वाले नहीं बल्कि देने वाले बनना है। कठिनाइयाँ ज़िंदगी का हिस्सा होती हैं, कभी रोने वाले नहीं बनना।