Rajasthan News: राजस्थान में 'युवा संसद' कार्यक्रम का आयोजन, 141 छात्रों ने निभाई नेताओं की भूमिका

'युवा संसद' कार्यक्रम में कुछ विद्यार्थियों ने विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और मंत्रियों की भूमिका निभाई। कई विद्यार्थियों ने विधायकों की भूमिका निभाई और सवाल पूछे।

राजस्थान में 'युवा संसद' कार्यक्रम में छात्रों ने उठाए कई मुद्दे। (इमेज-X/@VasudevDevnani)

Press Trust of India | July 27, 2024 | 08:21 PM IST

नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा में शनिवार (27 जुलाई) को 'युवा संसद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 41 स्कूलों के विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों की भूमिका निभाई। यह कार्यक्रम राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान 41 स्कूलों के 181 विद्यार्थियों ने विधायक बनकर सदन की कार्यवाही में भाग लिया।

'युवा संसद' कार्यक्रम में कुछ छात्रों ने विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और मंत्रियों की भूमिका निभाई। कई छात्रों ने विधायकों की भूमिका निभाई और सवाल पूछे। यह कार्यक्रम जयपुर के सवाई मानसिंह स्कूल की ओर से आयोजित किया गया था। विधानसभा प्रवक्ता ने बताया कि कार्यक्रम में जयपुर के 20 विद्यालयों सहित प्रदेशभर से 41 विद्यालयों ने भाग लिया।

राजस्थान के 'युवा संसद' में उठे ये मुद्दे

इस दौरान 'युवा संसद' में प्रश्नकाल आयोजित किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने विधायक के रूप में बाल वाहिनी की सुरक्षा, निजी विद्यालयों की फीस पर नियंत्रण, सरकारी विद्यालयों में नामांकन, रामगढ़ बांध व अन्य जलाशयों के पुनरुद्धार, खाद्य पदार्थों में मिलावट, मादक पदार्थों के सेवन आदि से संबंधित मुद्दे उठाए।

युवा संसद में प्रतिभागियों ने कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अपर्याप्त सुविधाओं, शिक्षण संकाय की शैक्षणिक योग्यता, छात्रों के मानसिक तनाव और आत्महत्या के मामलों पर चिंता व्यक्त की।

बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री की भूमिका में मौजूद छात्र सिद्धार्थ ने सदन को आश्वस्त किया कि कोचिंग संस्थानों के संचालन पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कानून बनाया जाएगा। इस दौरान छात्रा भूमिका सैनी ने विपक्ष की नेता के रूप में अपने तर्क प्रस्तुत किए। युवा संसद की अध्यक्ष वैभवी गोयल थीं।

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'युवा संसद' कार्यक्रम का उद्देश्य

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि बच्चों को विधायी निकायों और संसदीय मामलों की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की समृद्ध संवैधानिक परंपराओं, नियमों और प्रक्रियाओं ने देश को महान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे सफल लोकतंत्र है। भविष्य में भी देश के युवा इस महान लोकतंत्र को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विद्यार्थियों से जागरूक नागरिक बनने का आह्वान किया। उन्होंने विद्यार्थियों से सोशल मीडिया का सीमित उपयोग करने तथा फर्जी खबरों से सावधान रहने को कहा।

विधायक एवं राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के सचिव संदीप शर्मा ने कहा कि युवा संसद कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को लोकतंत्र की स्वस्थ परंपराओं, दूसरों के विचारों के सम्मान तथा विधायिका की कार्यप्रणाली को करीब से समझने का अवसर मिल रहा है।

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