Press Trust of India | July 7, 2025 | 08:17 AM IST | 1 min read
सीजेआई ने अपने पूर्व संस्थान ‘चिकित्सक समूह शिरोडकर स्कूल’ की कक्षाओं का दौरा किया और अपने पुराने सहपाठियों के साथ बातचीत की।
मुंबई: भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) भूषण गवई ने कहा कि अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करने से व्यक्ति में अवधारणा के स्तर पर समझ बढ़ती है और जीवन के लिये मजबूत मूल्यों का विकास होता है। उन्होंने मुंबई के एक मराठी-माध्यम स्कूल में अपने छात्र दिनों को याद किया।
सीजेआई ने अपने पूर्व संस्थान ‘चिकित्सक समूह शिरोडकर स्कूल’ की कक्षाओं का दौरा किया और अपने पुराने सहपाठियों के साथ बातचीत की। सीजेआई ने इसी संस्थान में प्राथमिक से माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई पूरी की। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि उन्होंने अपने शुरुआती जीवन को आकार देने वाले शिक्षकों के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया।
न्यायमूर्ति गवई ने कहा, ‘‘आज मैं जिस भी मुकाम पर पहुंचा हूं, उसमें मेरे शिक्षकों और इस स्कूल की अहम भूमिका रही है। यहां मुझे जो शिक्षा और मूल्य मिले, उन्होंने मेरे जीवन को दिशा दी। सार्वजनिक भाषण में मेरी यात्रा इसी मंच से शुरू हुई। भाषण प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से, मैंने आत्मविश्वास हासिल किया। मैं आज जो कुछ हूं, यह उन अवसरों की वजह से ही हूं।’’
मराठी माध्यम में अपनी स्कूली शिक्षा को याद करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अपनी मातृभाषा में अध्ययन करने से अवधारणा के स्तर पर बेहतर समझ विकसित होती है तथा व्यक्ति में मजबूत मूल्य विकसित होते हैं, जो जीवन भर आपके साथ रहते हैं।