विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2024 में शामिल कुल 180 देशों में से भारत 159वें स्थान पर है। जबकि, पाकिस्तान को 152वें स्थान पर रखा गया है।
Press Trust of India | August 5, 2024 | 06:11 PM IST
नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक सदस्य ने राज्यसभा में सोमवार (5 अगस्त) को विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत के गिरते स्तर पर चिंता जताई है। साथ ही, माकपा सदस्य ने पत्रकारों की मौजूदा स्थिति और उनके सामने आ रही चुनौतियों का भी मुद्दा उठाया है।
उच्च सदन में शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए माकपा के वी शिवदासन ने कहा, ‘‘पत्रकारिता हमारी आजादी के आंदोलन का अभिन्न अंग रहा है। गांधीजी, सरदार भगत सिंह, कार्ल मार्क्स और लेनिन जैसी विश्व की प्रसिद्ध हस्तियों ने मीडिया को संघर्ष के एक उपकरण के रूप में उपयोग किया।”
शिवदासन ने आगे कहा, “कई स्वतंत्रता सेनानी भी पत्रकारिता में सक्रिय रहे। मुझे यह कहते हुए खेद है कि पेरियार, अंबेडकर और रवीन्द्रनाथ ठाकुर की भूमि भारत, प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में 180 देशों में से 159वें स्थान पर है।’’ बता दें कि, डब्ल्यूपीएफआई 2024 में पाकिस्तान भारत से 7 पायदान ऊपर है।
उन्होंने कुछ पत्रकारों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम सहित अन्य धाराओं के तहत गिरफ्तार किए जाने जैसे मामलों का उल्लेख किया। शिवदासन ने कहा कि भारत में पिछले 10 वर्षों में प्रसिद्ध संपादक और लेखिका गौरी लंकेश सहित सौ से अधिक पत्रकार मारे गए हैं।
Also readRagging News 2024: छात्रों को जागरूक कर रैगिंग खत्म की जानी चाहिए - पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री
माकपा सदस्य वी शिवदासन ने आगे कहा कि ‘सांप्रदायिक कट्टरपंथियों’ की ओर से उन पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है जो लोगों के साथ खड़े हैं और जो सरकार की ‘जनविरोधी नीतियों का पर्दाफाश’ करने की कोशिश कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इजराइल रक्षा बलों द्वारा 100 से अधिक फिलिस्तीनी पत्रकारों को मार दिया गया है, जिनमें से कम से कम 22 अपने काम के दौरान मारे गए। फिलिस्तीन को विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2024 में 157वें स्थान पर रखा गया है, लेकिन पत्रकारों की सुरक्षा के संबंध में इसे अंतिम 10 में स्थान दिया गया है।
वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2024 में नॉर्वे ने पहला स्थान हासिल किया है। वहीं, डेनमॉर्क, स्वीडन, नीदरलैंड, फिनलैंड क्रमशः दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर हैं। विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2024 में पाकिस्तान को 152वां स्थान मिला है, जबकि रूस 162वें और कनाडा 14वें स्थान पर है। चीन को WPFI 2024 में 172वें स्थान पर रखा गया है।