Jagdeep Dhankhar Resigns: उपराष्ट्रपति धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफा, पीएम मोदी ने दी प्रतिक्रिया

हाल ही में दिल्ली के एम्स में जगदीप धनखड़ की एंजियोप्लास्टी हुई और इस साल मार्च में उन्हें कुछ दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

राज्यसभा के सभापति धनखड़ का इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया। (इमेज-एक्स/@VPIndia)

Santosh Kumar | July 22, 2025 | 01:14 PM IST

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार (21 जुलाई) शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने कहा कि वह "स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता" देने के लिए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था और उनका कार्यकाल 2027 तक था। राज्यसभा के सभापति धनखड़ का इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया।

हाल ही में दिल्ली के एम्स में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई और इस साल मार्च में उन्हें कुछ दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, धनखड़ का विपक्ष के साथ कई बार टकराव हुआ।

इस कारण उन पर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव भी पेश किया गया। बाद में उन्हें हटाने के प्रस्ताव को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया। यह प्रस्ताव स्वतंत्र भारत में किसी कार्यरत उपराष्ट्रपति को हटाने का पहला मामला था।

कांग्रेस ने फैसले को बताया अप्रत्याशित

वीवी गिरि और आर वेंकटरमन के बाद, अपने कार्यकाल के दौरान इस्तीफा देने वाले वे भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। कांग्रेस ने धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि यह "पूरी तरह से अप्रत्याशित" है।

कांग्रेस ने कहा जगदीप धनखड़ का इस्तीफा समझ से परे है और उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धनखड़ को अपना मन बदलने के लिए मनाएंगे।

इस्तीफे पर पीएम मोदी ने क्या कहा?

धनखड़ के इस्तीफे के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। पीएम ने 'एक्स' पर पोस्ट करके पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अच्छे स्वास्थ्य की कामना की है।

जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा कि वह राष्ट्रपति के समर्थन के लिए आभार जताते हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ काम करना शांतिपूर्ण और अच्छा अनुभव रहा। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद का भी धन्यवाद किया।

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जगदीप धनखड़ का राजनीतिक करियर

धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उपराष्ट्रपति बनने से पहले, उन्होंने 2019 से 2022 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्य किया।

पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ इससे पहले 1990 से 1991 तक चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली सरकार में संसदीय मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे। उन्होंने 1989 से 1991 तक राजस्थान के झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।

धनखड़ 1993 से 1998 तक राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे। वे भाजपा, कांग्रेस और जनता दल से जुड़े रहे हैं। उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद, उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए जल्द ही चुनाव कराने होंगे।

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