आयोग ने पीसीएस प्री परीक्षा के लिए 7-8 दिसंबर और आरओ-एआरओ प्री परीक्षा के लिए 22-23 दिसंबर की तिथियां घोषित की हैं।
Santosh Kumar | November 13, 2024 | 10:26 AM IST
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा 'पीसीएस-प्री' और 'आरओ-एआरओ' परीक्षाएं दो दिन में कराने के फैसले के खिलाफ छात्र आंदोलन का आज (13 नवंबर) तीसरा दिन है। आंदोलन के दूसरे दिन छात्रों ने ढोल-ताशा आदि बजाकर अपनी आवाज बुलंद की, ताकि आयोग के अंदर बैठे अधिकारियों तक उनकी आवाज पहुंच सके। जिसके बाद इस पर आयोग के सचिव अशोक कुमार की प्रतिक्रिया आई है।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के खिलाफ नारेबाजी की। उधर, यूपी लोक सेवा आयोग ने बयान जारी कर कहा कि प्रतियोगी छात्रों के सुझावों पर समय-समय पर परीक्षा प्रणाली में सुधार किए गए हैं।
आयोग ने कहा कि अभ्यर्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पीसीएस मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटा दिए गए हैं और 'स्केलिंग' हटाने की मांग पूरी कर दी गई। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट की राधाकृष्णन समिति ने भी नीट परीक्षा दो शिफ्ट में कराने की सिफारिश की थी।
वहीं, पुलिस भर्ती परीक्षा कई शिफ्ट में आयोजित की गई, लेकिन छात्र "एक दिन, एक परीक्षा" की मांग पर अड़े हुए हैं। छात्र गणेश ने कहा, "अगर संघ लोक सेवा आयोग एक दिन में परीक्षा आयोजित कर सकता है, तो इस आयोग को क्या समस्या है?"
यूपीपीएससी सचिव अशोक कुमार ने बताया कि आयोग की गाइडलाइन के अनुसार परीक्षा केंद्र सरकारी संस्थानों और मुख्यालय से 10 किलोमीटर के अंदर होने चाहिए। उन्होंने बताया कि इससे पहले जब पेपर लीक हुआ था, तब छात्रों ने ही मांग की थी कि निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र न बनाया जाए।
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यूपीपीएससी सचिव ने कहा, "जब सरकार ने छात्रों की मांगों पर दिशा-निर्देश बनाए तो अब वही छात्र विरोध कर रहे हैं। पीसीएस परीक्षा के लिए पंजीकृत 5,76,000 अभ्यर्थियों में से केवल 4,35,000 को ही केंद्र मिल पा रहे हैं, इसलिए दो दिन परीक्षा कराना मजबूरी है।"
आयोग ने पहले कहा था कि पिछले कुछ दिनों में दूरदराज के परीक्षा केंद्रों पर कई अनियमितताएं सामने आई थीं और इन्हें सुधारने के लिए इन केंद्रों को हटा दिया गया है। आयोग ने पिछले मंगलवार को यूपीपीएससी परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा की थी।
इनपुट-पीटीआई